कैबिनेट में मंत्रियों ने बताया सीएम शिवराज सिंह ने गलत घोषणा कर दी | MP NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मुंहदेखी घोषणाओं के लिए भी पहचाना जाता है। गैंगरेप मामले में भी ऐसा ही हुआ। दिल्ली में हुए गैंगरेप मामले के बाद से ही सीएम शिवराज सिंह कहते आ रहे हैं कि रेप के आरोपियों को सजा-ए-मौत दी जानी चाहिए। कई बार उन्होंने ऐलान किया कि वो मध्यवप्रदेश में ऐसा कानून बनाएंगे जिससे रेप के आरोपियों को फांसी दी जा सकेगी। भोपाल गैंगरेप के बाद फिर उन्होंने पूरे जोश में आकर घोषणा कर दी परंतु जैसे ही विषय कैबिनेट की मीटिंग में आया। मंत्रियों ने उन्हे बताया कि इस तरह का कानून बनाने से अपराध कम नहीं होंगे, बल्कि बढ़ जाएंगे। लोग रेप के बाद पीड़िताओं की हत्या कर दिया करेंगे। 

मंगलवार 21 नवम्बर 17 को पहली बार इस संदर्भ में मंत्रीस्तर पर चर्चा हुई। वित्तमंत्री जयंत मलैया और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव समेत कुछ मंत्रियों ने सवाल खड़े किए। कहा- यदि फांसी के साथ तमाम प्रावधान सख्त किए जाते हैं तो दुष्कर्म करने वाला व्यक्ति पीड़िता काे जान से मार डालेगा। इसी तरह कई मामलों में बाद में झूठ और सच का पता चलता है। लिहाजा इस पर विचार होना चाहिए। यह सुनते ही शिवराज सिंह बैकफुट पर आ गए। 

अजीब बात यह है कि शिवराज सिंह ने कई बार यह ऐलान किया परंतु अब तक किसी ने उन्हे यह नहीं बताया कि वो गलत दिशा में जा रहे हैं। इसके 2 अर्थ निकाले जा सकते हैं। पहला तो यह कि शिवराज सिंह की टीम में कानून के संबंधित समझ रखने वालों की काफी कमी है और दूसरा यह कि भाजपा के दिग्गज भी शिवराज सिंह का मजाक बनते देखने के लिए पहले से तैयार थे। जब तक मामला आधिकारिक मीटिंग में नहीं आ गया, किसी ने शिवराज को नहीं टोका। अब यदि बलात्कारी को फांसी का कानून नहीं बनता तो शिवराज सिंह की जनता में भद पिटेगी और यदि बनता है तो यह पीड़िताओं के लिए जानलेवा हो जाएगा। 

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