शिवराज सिंह की प्रशासनिक सर्जरी से मंत्री रामपाल खुश, गोपाल भार्गव नाराज | MP NEWS

भोपाल। बुधवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान के आदेश पर हुए आईएएस अफसरों के तबादलों से एक तरफ लोक निर्माण विभाग के मंत्री रामपाल सिंह खुश हो गए हैं तो दूसरी तरफ पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव नाराज हैं। रामपाल सिंह का अपने प्रमुख सचिव प्रमोद अग्रवाल से सीधा संघर्ष चल रहा था। पिछले दिनों प्रमोश अग्रवाल ने सीएम शिवराज सिंह की नाराजगी भी मोल ले ली थी अत: उन्हे हटा दिया गया। वहीं गोपाल भार्गव से करेला वापस लिया तो नीम दे दिया गया। राधेश्याम जुलानिया को हटाकर इकबाल सिंह बैंस को नियुक्त किया गया है। भार्गव को मालूम है कि उनकी पटरी बैंस के साथ भी नहीं जमने वाली। 

प्रमोद अग्रवाल को मिली रामपाल सिंह से टकराने की सजा
राज्य सरकार ने इस प्रशासनिक सर्जरी के जरिए सरकार ने मंत्रियों और अफसरों की नाराजगी दूर करने की कोशिश की है। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव प्रमोद अग्रवाल को हटाने का मामला सर्वाधिक चर्चा में है क्योंकि मंत्री रामपाल की उनसे लंबे समय से पटरी नहीं बैठ रही थी। मंत्री को अपने काम करवाने के लिए सीधे ईएनसी से संपर्क करना पड़ता था। अग्रवाल उनकी नहीं सुन रहे थे। मंत्री की नाराजगी दूर करने सरकार ने अग्रवाल की रवानगी कर दी। अग्रवाल ईएनसी से भी पटरी नहीं बैठ रही थी। 

बैंस की नियुक्ति से गोपाल भार्गव नाराज
टीएण्डसीपी के आयुक्त संदीप यादव को एकीकृत बाल विकास विभाग का आयुक्त की जिम्मेदारी देकर उन्हें मजबूत किया गया है। इधर तेज-तर्रार अफसर इकबाल सिंह बैंस की पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में तैनाती से मंत्री गोपाल भार्गव निराश हो गए हैं क्योंकि बैंस से काम निकलवाना और मुश्किल होगा। इससे पहले पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया से पंचायत नेता नाराज थे। मंत्री गोपाल भार्गव भी उनके साथ सहज महसूस नहीं कर रहे थे। कई बार जुलानिया से मंत्री को अपने मनमाफिक काम करवाना मुश्किल हो रहा था। अरुणा शर्मा के जाने के बाद तैनात हुए जुलानिया को भार्गव शुरुआत से ही बदले जाने के मूड में थे। सरकार ने उनकी बात मानकर जुलानिया को तो यहां से हटा दिया लेकिन उनके बदले बैस की पदस्थापना से भार्गव की मुश्किले और बढ़ गई हैं। इस मामले मंत्री गोपाल भार्गव ने यह कर कर चुप्पी ओढ़ ली है कि हम कुछ नहीं बोलेगे।

सोशल मीडिया मुगल नरहरि को मीडिया मैनेजमेंट 
इंदौर कलेक्टर के पद से हटने के बाद  आईएएस अधिकारी पी. नरहरि को राजस्व विभाग में सचिव बनाया गया था लेकिन नरहरि अपनी इस पोस्टिंग से संतुष्ट नहीं थे। नरहरि ने राजस्व सचिव का काम संभाल कर मुख्य सचिव के साथ ट्यूनिंग बनाकर विभाग की समीक्षा के दौरान बेहतर काम किया। सोशल मीडिया में एक्टिव रह कर इंदौर में नरहरि द्वारा किए गए कामों से सीएम शिवराज सिंह चौहान खुश थे। इस पर उन्हें जनसंपर्क आयुक्त बनाकर उनपर भरोसा जताया गया है।

वित्त विभाग में दो PS
वित्त विभाग के पीएस अनिरुद्ध मुखर्जी और सचिव अमित राठौर को सरकार ने हटाया तो उनके स्थान पर यहां दो पीएस तैनात कर दिए हैं। चुनावी वर्ष में बेहतर वित्तीय प्रबंधन के लिए राज्य सरकार ने यहां जलसंसाधन विभाग के प्रमुख सचिव पंकज अग्रवाल और पीएचई के पीएस मनोज गोविल को प्रमुख सचिव बनाया है। विभाग में अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव पहले से ही हैं।

फिर मिली सुलेमान को मनचाही पोस्टिंग
उद्योग विभाग से एमएसएमई अलग किए जाने के बाद मो. सुलेमान के पास केवल उद्योग विभाग रह गया था। इस विभाग का ज्यादा काम एमएसएमई के पीएस कांताराव के पास था। सुलेमान लंबे समय से अपनी पसंद के विभाग पीडब्ल्यूडी में पोस्टिंग के लिए प्रयासरत रहे हैं। वे पहले भी लोक निर्माण विभाग में काम कर चुके है। सरकार ने उन्हें उद्योग के साथ लोक निर्माण विभाग का पीएस बनाकर उन्हें और मजबूत ब्यूरोक्रेट की कतार में लाकर खड़ा कर दिया है। वहीं मध्यप्रदेश भवन में विशेष आयुक्त आईसीपी केशरी को सरकार ने दुबारा उर्जा विभाग के प्रमुख सचिव की भी जिम्मेदारी दी है।

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