मप्र: सरकारी स्कूल में छात्राओं ने परोसी शराब और मांस | MP NEWS

शहडोल। यहां एक सरकारी स्कूल में लड़कियों को बार गर्ल की तरह यूज करने का मामला सामने आया है। जांच करने आए अधिकारी की मांग पर यहां मांस एवं शराब का इंतजाम किया गया। लड़कियों को मजबूर किया गया वो कि अधिकारी को अपने हाथ से शराब व मांस परोसें। पंचायत के सरपंच ने मौके पर छापामारी कर पंचनामा तैयार किया। स्कूल के प्राचार्य ने भी लिखित में स्वीकार किया कि जांच अधिकारी के दवाब में यह पार्टी आयोजित की गई थी। डीपीसी ने अब तक जांच अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। 

मामला बुढ़ार ब्लॉक के प्राथमिक स्कूल का है। जहां का नजारा देख किसी को विश्वास नहीं होगा कि आखिर ये स्कूल ही है या कुछ और, क्योंकि वहां पर शराब, कबाब का पूरा इंतजाम था और परोसने के लिए छात्राएं भी मौजूद थीं और इस पार्टी के मेहमान थे सर्व शिक्षा अभियान के तहत नेशनल एचीवमेंट सर्वे करने पहुंचे सीएसी घनश्याम दास जायसवाल।

स्कूल में डायट और बीएड कर रहे छात्र इन दिनों ट्रेनिंग कर रहे थे, जिसका सर्वे किया जा रहा था, जहां औचक निरीक्षण करने पहुंचे सीएसी जायसवाल ने स्कूल के हेड मास्टर दल प्रताप सिंह पर धौंस जमाते हुए उनसे चिकन-शराब पार्टी कि डिमांड कर डाली। घबराए हेड मास्टर ने तत्काल स्कूल में मुर्गा और शराब का इंतजाम करवाया। इस दौरान गांव के एक जागरूक व्यक्ति ने उनकी इस करतूत को अपने मोबाइल में कैद कर लिया।

सरपंच ने बनाया पंचनामा
जानकारी के मुताबिक, मना करने के बाद भी सीएसी अपनी हरकतों से बाज नहीं आए और स्कूल परिसर को ही मयखाना बनवा दिया, जहां ट्रेनिंग के लिए आई छात्राओं से शराब परोसवाई गई। इस मामले की खबर जैसे ही गांव के सरपंच को लगी, वह स्थानीय लोगों के साथ स्कूल पहुंच गए और सर्वे करने पहुंचे सीएसी घनश्याम को जमकर फटकार लगाई। सरपंच ने पूरी घटना का पंचनामा बनवाया, जिसमें मौके पर मौजूद सभी लोगों ने अपने हस्ताक्षर भी किये।

प्राचार्य ने भी लिखित में स्वीकार किया
दूसरी ओर हेड मास्टर ने लिखित में छात्राओं से शराब और चिकन परोसने की बात स्वीकार की है। प्रधानाचार्य ने सीएसी पर आरोप लगाते हुए उनके दबाव में ऐसा करने की बात कही है। प्रधानाचार्य ने पत्र में लिखा कि जांच करने आये वरिष्ठ अधिकारी के दबाव के चलते ही उन्होंने स्कूल की रसोई में छात्राओं से मुर्गा आदि बनवाया था, जबकि आरोप तो ये भी है कि अधिकारी को छात्राओं को मजबूर किया गया कि वो अधिकारियों को शराब परोसें। 

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