मध्य प्रदेश में दतिया में एक ऐसा अदभुत मंदिर है, जिसमें मूर्ति की जगह यंत्र स्थापित है, कहा जाता है कि इस मंदिर में जल चढ़ाने से सभी तरह के चर्म रोगों से मुक्ति मिल जाती है।जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित उनाव ग्राम स्थित ये मंदिर वैसे तो ये सूर्य मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है, लेकिन यहां सूर्य भगवान की कहीं भी प्रतिमा स्थापित नहीं है। बल्कि यहां भगवान भास्कर का यंत्र स्थापित है और विश्व में भगवान सूर्य का यह एकमात्र मंदिर है जिसमें सूर्यदेव का यंत्र स्थापित है।
इस मंदिर की एक खासियत और है कि मंदिर के नीचे से जा रही पहूज की नदी में स्नान कर चर्मरोगी भगवानसूर्य को जल चढाता है उसके त्वचा के सभी रोग नष्ट हो जाते हैं। कहा जाता है कि सैकडों साल पूर्व राजा मरुत ने एक यज्ञ किया था तो उन्होंने भगवान सूर्य का आव्हान किया तो सूर्यदेव साधुओं द्वारा स्थापित इस यंत्र में आये थे तभी से यह यंत्र यहां स्थापित है लेकिन इस मंदिर का ज्यादा प्रचार प्रसार न होने से सिर्फ आसपास के लोग ही यहां आते हैं।
सूर्य देव को मनाने के लिए कौन से उपाय करें
1- जिन लोगों की कुंडली में सूर्य नीच की स्थिति में हो वे लोग यदि छठ पूजा के दिन सूर्य यंत्र की स्थापना कर पूजन करें तो इससे उनकी कुंडली के दोष कम होते हैं और विशेष लाभ भी मिलता है। सूर्य यंत्र की स्थापना इस प्रकार करना चाहिए-
सबसे पहले सुबह उठकर नित्य कर्मों से निपटकर सूर्य देव को प्रणाम करें। इसके बाद सूर्य यंत्र को गंगाजल व गाय के दूध से पवित्र करें। अब इस यंत्र का विधिपूर्वक पूजन करने के बाद सूर्य मंत्र का जप करना चाहिए।
मंत्र :- ऊँ घृणि सूर्याय नम:।
जप करने के बाद इस यंत्र की स्थापना अपने पूजन स्थल पर कर दें। इस प्रकार इस यंत्र का पूजन करने से शीघ्र ही सूर्य संबंधी होने वाली समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।
2- ज्योतिष के अनुसार तांबा सूर्य की धातु है। छठ पूजा के दिन तांबे का सिक्का या तांबे का चौकोर टुकड़ा बहते जल में प्रवाहित करने से कुंडली में स्थित सूर्य दोष कम होता है। इसके साथ-साथ लाल कपड़े में गेहूं व गुड़ बांधकर दान देने से भी व्यक्ति की हर इच्छा पूरी हो जाती है।
3- छठ पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कार्यों से निवृत्त होकर भगवान सूर्य को अध्र्य दें। अब पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठकर रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जप करें।
मंत्र- ऊँ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात
कम से कम 5 माला जप अवश्य करें। इस प्रकार मंत्र जप करने से जीवन की हर परेशानी दूर हो जाएगी। यदि इस मंत्र का जप प्रत्येक रविवार को किया जाए तो और भी जल्दी लाभ होता है।
4- छठ पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद उगते हुए सूर्य को तांबे के लोटे से जल का अध्र्य दें। पानी में कुंकुम तथा लाल रंग के फूल भी मिलाएं तो और भी शुभ रहेगा। अध्र्य देते समय ऊँ घृणि सूर्याय नम: मंत्र का जप करते रहें। इस प्रकार सूर्य को अध्र्य देने से मन की हर इच्छा पूरी हो जाती है और किस्मत के दरवाजे खुल जाते हैं।
5- छठ पूजा के दिन दान करने का विशेष महत्व है। धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन किए गए दान का पुण्य सौ गुना होकर प्राप्त होता है। अगर आप चाहते हैं कि भाग्य आपका साथ दें तो इस दिन कंबल, गर्म वस्त्र, घी, दाल-चावल की कच्ची खिचड़ी आदि का दान करें। गरीबों को भोजन करवाएं तो और भी जल्दी आपकी मनोकामना पूरी होगी।
6- छठ पूजा के दिन गुड़ एवं कच्चे चावल बहते हुए जल में प्रवाहित करना शुभ रहता है। अगर सूर्यदेव को प्रसन्न करना हो तो पके हुए चावल में गुड़ और दूध मिलाकर खाना चाहिए। ये उपाय करने से भी सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं।
7- छठ पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद पूर्व दिशा में मुख करके कुश के आसन पर बैठें। अपने सामने बाजोट (पटिए) पर सफेद वस्त्र बिछाएं और उसके ऊपर सूर्यदेव का चित्र या प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद सूर्यदेव का पंचोपचार पूजन करें और गुड़ का भोग लगाएँ। पूजन में लाल फूल का अवश्य करें। इसके बाद लाल चंदन की माला से नीचे लिखे मंत्र का जप करें
मंत्र- ऊँ भास्कराय नम:
कम से कम 5 माला जप अवश्य करें