मध्य प्रदेश उत्कृष्ट एवं मॉडल विद्यालय नियुक्ति विवाद की HC याचिका खारिज

भोपाल। मध्यप्रदेश के लोक शिक्षण संचलनालय द्वारा जारी आदेश क्र./मॉडल/उत्कृष्ट//परीक्षा/185 दिनांक 03/07/17 के अनुसार 436 विशिष्ट उत्कृष्ट एवं मॉडल विद्यालयों में अद्ययापन्न कार्य कराने हेतु शिक्षको की ऑनलाइन विभागीय परीक्षा का विज्ञापन एमपी ऑनलाइन के माध्यम से दी.07/07/17 को जारी किया गया था। मध्यप्रदेश लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा दि.12/07/17 को जारी आदेश के अनुसार उत्कृष्ट एवं मॉडल में कार्यरत शिक्षकों के लिए परीक्षा में सम्मिलित होना अनिवार्य कर दिया गया क्योंकि वर्तमान में इन शालाओ में पदस्थ शिक्षक विभाग के द्वारा दि.13/08/15 को जारी आदेश के अनुसार जिलाशिक्षा समिति द्वारा साक्षात्कार के आधार पर ऐसे शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त किया गया था। 

उक्त आदेश के विरूद्ध कालूराम सेवा उत्कृष्ट विद्यालय देवास में कार्यरत शिक्षक गणेश कलमोडिया व अन्य शिक्षको द्वारा इंदौर हाई कोर्ट में दि.17/07/17 को याचिका WP4406 दायर की गई।जिस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई तक विभाग को परीक्षा आयोजित कर परिणाम घोषित ना करने के आदेश दिए।

24/07/17 को मप्र के 10 परीक्षा केंद्रों पर एमपी ऑनलाइन के माध्यम से ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन किया गया जिसमें कुल 10380 अभ्यर्थीयों ने भाग लिया। उत्कृष्ट एवं मॉडल में कार्यरत कूल 3744 शिक्षकों में से 1526 शिक्षक भी परीक्षा में सम्मिलित हुए।

याचिका WP4406 पर अंतिम सुनवाई 31/10/17 को उच्च न्यायालय के सिंगल बेंच के न्यायाधीश श्री प्रकाश श्रीवास्तव के समक्ष हुई। जिसमें दोनों पक्षो के वकीलों ने अपनी अपनी दलीलें पेश की। याचिकाकर्ता के वकील श्री विकास यादव व धर्मेंद्र चेलावत ने उनका पक्ष रखते हुए कहा की उनकी नियुक्ति शासन के आदेशानुसार साक्षात्कार के आधार पर हुई थी तथा उनका कार्य संतोष जनक है अतः उन्हें परीक्षा में सम्मिलित होने की आवश्यकता नही है। 

उत्तरदाता (respondents) के वकील श्री विभोर खंडेलवाल ने विभाग का पक्ष रखते हुए कहा कि विभाग विशिष्ट शालाओं में अद्ययापन्न कार्य हेतु विशिष्ट शिक्षकों को नियुक्त करना चाहता है जिसके लिए ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन किया गया। तथा विशिष्ट शालाओ में पूर्व में पदस्थ शिक्षकों की प्रतिनुक्ति को स्थायी करने के विभाग ने कोई नियम या विशेष अधिकार नही बनाये है।

दोनों पक्षो की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश श्री प्रकाश श्रीवास्तव ने याचिका क्र 4406 को खारिज करते हुए फैसला लोक शिक्षण संचालनालय के पक्ष में सुनाया। न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि विभाग द्वारा विशिष्ट शालाओं के लिए उत्कृष्टता प्राप्त करने के उद्देश्य के साथ ऑनलाइन परीक्षा निर्धारित की गई है तथा विशिष्ट शालाओं में विशिष्ट शिक्षकों की नियुक्ति ऑनलाइन परीक्षा के माध्यम से किया जाना तर्कसंगत एवं नीतिगत निर्णय है।

उत्कृष्ट एवं मॉडल में वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों को बिना परीक्षा दिये पद पर बने रहने का कोई कानूनी अधिकार प्राप्त नही है। अतः ऐसे शिक्षक जो इन शालाओं में पदस्थ है जो परीक्षा परिणाम की वरीयता सूची में नही आते हैं विभाग उनकी पृथक से कॉन्सिलिंग के माध्यम से अन्य शालाओं में पदस्थापना करना सुनिश्चित करे। यह केस खारिज किया जाता है।

उच्च न्यायालय के फैसले के बाद अब देखना है कि शिक्षा विभाग नियुक्ति की राह देख रहे नऐ विशिष्ट शिक्षकों की नियुक्ति विशिष्ट शालाओं में कब तक करता है। जबकि आधा शिक्षण सत्र समाप्त हो चुका है ऐसे में नुकसान उन विद्यार्थियों का हो रहा है जो विशिष्ट अध्ययन हेतु प्री एग्जाम देकर इन शालाओ में प्रवेश ले चुकेे हैं।

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