बुरे फंसे कुमार विश्वास, संपत्ति की जानकारी छुपाई थी, FIR दर्ज | KUMAR VISHWAS

नई दिल्ली। चुनाव आयोग से संपत्ति का विवरण छिपाए जाने को लेकर आम आदमी पार्टी के कुमार विश्वास सहित 8 नेताओं पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। टाइम्स नाउ ने खुलासा किया है कि विश्वास और अन्य 7 विधायकों ने चुनाव आयोग से अपनी संपत्ति का ब्योरा छिपाया है। पड़ताल में सामने आया कि इन नेताओं की प्राइवेट कंपनियों में भी संलिप्तता रही है, जिनकी कीमत लाखों में है। यह रिप्रेंजेटेशन अॉफ पीपुल्स एक्ट के सेक्शन 125 (A) का उल्लंघन है और इसके लिए 6 महीने की कैद, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

जिन नेताओं पर मामला दर्ज किया गया है, उनमें असीम अहमद खान, आदर्श शास्त्री, कैलाश गहलौत, मोहम्मद यूनुस, प्रमिला टोकस, राजेश ऋषि और कुमार विश्वास शामिल हैं। आप नेता आदर्श शास्त्री पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते हैं। वह ब्रिटेन की एक कंपनी में डायरेक्टर हैं, जिसका ब्योरा उन्होंने 2015 के चुनावी हलफनामे में नहीं दिया। जब इस बारे में जवाब मांगा गया तो शास्त्री ने कहा कि वह सिर्फ ‘मानद डायरेक्टर’ हैं। इसलिए उन्होंने इसका ब्योरा देना जरूरी नहीं समझा लेकिन टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी के दस्तावेजों में कहीं भी मानद डायरेक्टर होने का जिक्र नहीं है। 

वहीं मोहम्मद यूनुस के फेडरेशन अॉफ अॉल इंडिया हज उमराह टूर अॉर्गनाइजर्स नाम की कंपनी में शेयर्स हैं, जिनका जिक्र उन्होंने एफिडेविट में नहीं किया है। कैलाश गहलौत का रोजी बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड और सुपरस्टार्स इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड में शेयर्स हैं। इस पर उन्होंने सभी सवालों को टालते हुए कहा कि उन्हें दस्तावेजों की जांच करनी होगी।

वहीं आप विधायक राजेश ऋषि की पत्नी विनर इलेक्ट्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड में डायरेक्टर हैं, यह बात उन्होंने हलफनामे में नहीं लिखी। उन्होंने दावा किया कि उनकी पत्नी एफिडेविट फाइल करने के बाद डायरेक्टर बनी थीं। आम आदमी पार्टी की नेता प्रमिला टोकस के हलफनामे में उनकी पति की कंपनी में उनके शेयर्स होने का जिक्र नहीं है। इस पर उन्होंने कहा कि चूंकि कंपनी पति की है, इसलिए इसका ब्योरा एफिडेविट में देना जरूरी नहीं है।

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