इंदौर। शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल धरमपुरी में शिक्षिका के साथ छात्रों द्वारा की गई अभद्रता के मामले में जांच पूरी हो गई है। इस जांच में खुलासा हुआ है कि घटना में सामने तो छात्रों का एक समूह दिखाई दे रहा है लेकिन इसके पीछे कर्मचारियों की गुटबाजी है। इसी गुटबाजी के चलते छात्रों को भड़काया गया। घटना के समय प्राचार्य स्कूल में मौजूद था परंतु उसने अभद्रता को रोकने की कोशिश तक नहीं की। जांचकर्ताओं ने प्राचार्य को सस्पेंड करने की सिफारिश की है।
बीते शनिवार को धरमपुरी में संस्कृत की शिक्षिका निर्मला मांडले से विद्यार्थियों ने अभद्रता की थी। इस घटना का वीडियो सोमवार को वायरल होने के बाद सरकारी महकमे में हड़कंप मच गया था। शिक्षामंत्री के आदेश के बाद ताबड़तोड़ अफसर मामले की जांच करने पहुंचे थे। प्राचार्य, शिक्षक, विद्यार्थी सहित आसपास के ग्रामीणों के भी बयान लिए गए। इसमें पता चला कि घटना के समय प्राचार्य रमेशचंद्र स्टाफ के साथ 0स्कूल में मौजूद थे। विद्यार्थी शिक्षिका से अभद्रता करते हुए उन्हें स्कूल से बाहर भगा रहे थे। शिक्षा विभाग की जांच टीम ने यह रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी। कलेक्टर ने घटना के लिए प्राचार्य को भी जिम्मेदार माना है। शिक्षा आयुक्त को जांच रिपोर्ट सौंप कर प्राचार्य पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की है। स्टाफ और विद्यार्थियों पर भी कार्रवाई की तैयारी है।
आपसी विवाद में बच्चों को बनाया मोहरा
इधर, जांच रिपोर्ट इस बात की तरफ भी इशारा कर रही है कि शिक्षकों के आपसी विवाद में बच्चों को मोहरा बनाया गया है। शिक्षकों के दूसरे गुट ने छात्रों से जानबूझकर पीड़ित शिक्षिका को घेरकर अभद्रता करवाई है। साथ ही पीड़ित शिक्षिका की भी कई शिकायतें मिली है। इसके बावजूद जांच रिपोर्ट में पीड़ित शिक्षिका के प्रति संवेदशीलता बरती गई, क्योंकि स्कूल परिसर में गाली-गलौज और शिक्षिका के साथ धक्का मुक्की करना गलत है। विद्यार्थियों को उनकी मर्यादा लांघने की सजा दी जा रही है। वहीं साथी शिक्षकों ने शिक्षक के सम्मान को ताक पर रखकर उनके साथ अभद्रता होने दी गई।
विभाग ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है। विभाग ने अपने स्तर पर प्राचार्य व शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए हैं। शासन के आदेश पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
सुधीर कौशल, डीईओ, इंदौर