पुलिस करंट लगाती थी, नशे के इंजेक्शन दिए: कंडक्टर अशोक ने कहा | CRIME NEWS

NEW DELHI : प्रद्युम्न हत्याकांड में गुरुग्राम पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए बस कंडक्टर अशोक 75 दिन बाद जेल से जमानत पर रिहा हो गया। लेकिन उसकी स्थिति लगातार खराब हो रही है। बताया जा रहा है कि उसे 104 डिग्री बुखार है। इतना ही नहीं सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ हो रही है। गांव वाले उसके इलाज के लिए चंदा एकत्र कर रहे हैं। आरोपी बस कंडक्टर अशोक कुमार ने बताया, 'मैं भगवान का शुक्रगुजार हूं कि उसने मुझे न्याय दिया। हमें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है। मुझे हिरासत में टॉर्चर किया गया। बिजली के करंट के झटके दिए गए। पुलिस ने थर्ड डिग्री देकर जुर्म कबूल करने के लिए मजबूर किया। यहां तक कि नशा भी दिया जाता था।

आरोपी बस कंडक्टर के वकीलों ने उसकी जमानत का आदेश जेल प्रशासन को बुधवार की शाम करीब तीन बजे के बाद सौंपा और औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उसे देर शाम जेल से रिहा कर दिया गया। जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'कानूनी दस्तावेजों की छानबीन करने के बाद अशोक को रात करीब आठ बजे रिहा कर दिया गया'।

बताते चलें कि अशोक कुमार को 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत मिली है। अशोक पड़ोसी महेश राघव ने अपनी जमीन की रजिस्ट्री के पेपर बतौर जमानत दिया। महेश ने बताया, 'हमारे घर की दीवार एक है। मैंने अपनी जमीन की रजिस्ट्री के पेपर बतौर जमानत दिया है। गांववालों ने भी 50-100 रुपये तक का चंदा लगाकर अशोक की मदद की है'।

आरोपी के वकील मोहित वर्मा ने कहा कि उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं था. अदालत ने अनुच्छेद 21 के तहत उन्हें जमानत दे दी। अनुच्छेद 21 हर नागरिक को जिंदगी और स्वतंत्रता का अधिकार देता है। सीबीआई और हरियाणा पुलिस के सिद्धांतों के बीच बड़ा संघर्ष था। संदेह के लाभ के आधार पर उन्हें जमानत दी गई है। अशोक को फंसाया गया था।

8 सितंबर की रेयान स्कूल के बाथरूम में 7 वर्षीय प्रद्युम्न ठाकुर का शव मिला था। उसकी गला रेतकर हत्या की गई थी। इस मामले की जांच कर रही गुरुग्राम पुलिस ने 42 वर्षीय बस कंडक्टर अशोक कुमार को प्रद्युम्न की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। दावा किया था कि बच्चे के साथ गलत काम करने में नाकाम रहने के बाद उसने हत्या कर दी।

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