भोपाल गैंगरेप: CM शिवराज सिंह ने DIG संतोष कुमार सिंह को लताड़ा

भोपाल। भोपाल गैंगरेप मामले में जैसे जैसे सरकार के खिलाफ विरोध बढ़ता जा रहा है। सीएम शिवराज सिंह भी पुलिस के प्रति सख्ती दिखा रहे हैं। घटना को फिल्मी कहानी बताने वाली पुलिस ने 24 घंटे बाद तब जाकर मामला दर्ज किया था जब पीड़िता का पिता एक आरोपी को पकड़कर थाने ले आया था। यह सबकुछ उस युवती के साथ हुआ जो खुद आईएएस की तैयारी कर रही है और जिसके माता पिता दोनों पुलिस में हैं। सीएम शिवराज सिंह ने भोपाल के डीआईजी संतोष कुमार सिंह को भी लताड़ लगाई है। 

उन्होंने कहा हमने सोचा था आप सुधार लाएंगे पर यहां तो कुछ और ही हो रहा है। राजधानी में ऐसा जघन्य अपराध और पीड़ित पक्ष को रिपोर्ट कराने के लिए परेशान होना पड़े, यह तो बर्दाश्त के बाहर है। दरअसल, सिंह को इस भरोसे पर भोपाल लाया गया था कि वे यहां अपराधों पर अंकुश लगाएंगे। उन्होंने पुलिस के हर मामले को दर्ज किए जाने के दावे पर भी घटना के हवाले से सवाल किए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से दो-टूक कहा कि सिर्फ उप पुलिस निरीक्षक को निलंबित करने से काम नहीं चलेगा, मुझे हर उस शख्स पर सख्त कार्रवाई चाहिए जो इस पूरे मामले में जिम्मेदार हैं।

सीएम ने पूरे पुलिस विभाग पर निशाना साधा 
राजधानी भोपाल में छात्रा के साथ सोमवार शाम हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले ने पूरी सरकार को झकझोर कर रख दिया। मुख्यमंत्री ने तयशुदा बैठकों को आगे बढ़ाते हुए मंत्रालय में मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने घटना की पूरी जानकारी लेते हुए पुलिस अधिकारियों से पूछा कि जब अपराध की दर बढ़ने की बात आती है तो आप लोग कहते हो कि हमारे यहां हर अपराध को दर्ज किया जाता है पर इस मामले में तो कुछ ही तस्वीर सामने आई है। अपराध दर्ज कराने के लिए पीड़ित पक्ष को परेशान होना पड़ा। यह शर्मनाक है।

फटाफट जांच करो, टालता मत
इस तरह के जघन्य अपराध के लिए तो फांसी की सजा होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस मामले की जांच प्रकरण की गंभीरता के हिसाब से की जाए। जांच प्रक्रिया ज्यादा लंबी न चले। यदि कोई टीम बनानी है तो उसका भी गठन कर लिया जाए। प्रकरण से जुड़े सभी तथ्यों की बारीकी से पड़ताल होनी चाहिए। 

1 एसआई को सस्पेंड करने से क्या होगा
सिर्फ एक अधिकारी को निलंबित करना कोई कार्रवाई नहीं है। इस मामले में जो भी जिम्मेदार है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। चाहे वो कोई भी हो। बैठक के बाद शाम होते-होते पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई भी हो गई और जांच के लिए एक टीम का भी गठन कर दिया गया।इसकी रिपोर्ट भी मुख्यमंत्री को भेज दी गई। बैठक में मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह, पुलिस महानिदेशक ऋषिकुमार शुक्ला, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राजीव टंडन, पुलिस महानिरीक्षक योगेश चौधरी, सचिव गृह विवेक शर्मा, पुलिस उप महानिरीक्षक संतोष कुमार सिंह सहित मुख्यमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

साफ झलक रहा था चेहरों पर था तनाव
बैठक के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से बाहर निकले तो सभी अधिकारियों के चेहरे पर तनाव साफ झलक रहा था। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री घटना को लेकर बेहद नाराजगी में थे और उनकी बातचीत से यह झलक भी रहा था।

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