नई दिल्ली। दशकों से चली आ रही परंपरा टूट रही है। पहले बच्चों के साथ मां का संवेदनशील रिश्ता होता था परंतु पिता एक सख्त प्रशासक की तरह पेश आता था परंतु अब बात बदल रही है। पिता भी अपने बच्चों के साथ संवेदनशील रिश्ता बना रहे हैं। वो बच्चों की नियमित देखभाल करते हैं, उनके साथ वक्त बिताते हैं और काफी सारे ऐसे काम करते हैं जो पहले केवल माताएं किया करतीं थीं। हाल ही में हुए एक सर्वेक्षण से यह बात सामने आई है। मुंबई स्थित पोदार इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन की ओर से हुए सर्वेक्षण में यह पता चला है कि बच्चों की देखभाल में पिता ज्यादा सक्रियता से शामिल हो रहे हैं। महिलाएं खुश हो सकतीं हैं कि वो अब भी उन पर डिपेंड हैं।
अधिक समय व्यतीत करने के प्रयास
सर्वेक्षण के अनुसार 70 फीसदी ऐसे पिता हैं, जो काम पर जाने के लिए यात्रा दूरी को कम करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि वह अपने बच्चों के साथ अधिक समय व्यतीत कर सकें। वहीं 65 फीसदी ऐसे पिता हैं जो अपने बच्चों के साथ दो या इससे ज्यादा घंटे बिताते हैं।
बच्चों के कार्यक्रमों में हिस्सेदारी
सर्वे के अनुसार अब पिता को इस बात की जानकारी होती है कि उनके बच्चे किस स्कूल में पढ़ते हैं या किस क्लास में पढ़ते हैं। यहां तक कि वह बच्चों के ओपन हाउस और कार्यक्रमों में हिस्सा भी लेते हैं।
33 फीसदी पिता करते हैं घरेलू काम
सर्वेक्षण के अनुसार पिता द्वारा बच्चों को दिए जाने वाले समय, स्कूल द्वारा दिए जाने वाले कामों में मदद करने में सुधार की गुंजाइश है। इस शोध से यह भी पता चला है कि सिर्फ 33 फीसदी पिता घरेलू काम करते हैं या अपने बच्चों को कुछ पढ़कर सुनाते हैं।
12% पिता अकेले बाहर ले जाने में आश्वस्त
सर्वेक्षण के अनुसार 88 फीसदी ऐसे पिता हैं जिन्हें बच्चों को बाहर ले जाने के दौरान पत्नी की आवश्यकता होती है। सिर्फ 12 फीसदी ही ऐसे पिता हैं जो अपने बच्चे को अकेले बाहर ले जाने को लेकर आश्वस्त रहते हैं। इस शोध के अनुसार, ' बच्चों की देखभाल को लेकर सर्वेक्षण ने कई तरह की परंपरिक धारणाओं को तोड़ा है। पारंपरिक रूप से बच्चों की देखभाल का जिम्मा मां पर होता है। मांओ की सामान्य शिकायत रहती है कि पिता बच्चों की रोजाना देखभाल में शामिल नहीं होते हैं और उन्हें अकेले ही यह काम करना पड़ता है।' इस सर्वेक्षण में 4,800 पिताओं ने हिस्सा लिया था।