नई दिल्ली। लोग सरकारी नौकरी इसलिए करना चाहते हैं ताकि जिंदगी आराम से कट जाए। लगभग हर प्रशासनिक अफसर सरकारी शान-औ-शौकत के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है। सरकारी बंगला, सरकारी कार और सरकारी नौकरी की चाह सबको होती है परंतु इस भीड़ में कुछ ऐसे भी होते हैं जिनके नाम भले ही इतिहास में कहीं दर्ज ना होते हों परंतु सादा जीवन की मिसाल जरूर बन जाते हैं।
उत्तरप्रदेश की मुजफ्फरनगर जनपद के एडीएम प्रशासन हरीश चंद्रा ऐसा ही एक नाम है। चंद्रा अपने ज्यादातर सरकारी और निजी काम स्वयं साइकिल द्वारा करते हैं। इस तरह ऑफिस जाने के संबंध में जब अपर जिलाधिकारी हरीश चंद्रा से बात की गई तो उन्होंने बताया 'मुझे साइकिल चलाना अच्छा लगता है और जहां तक मैं साइकिल द्वारा आराम से जा सकता हूं उस दायरे में सभी काम साइकिल द्वारा ही निपटाता हूं, जिससे सेहत भी बेहतर बनी रहती है '।
मुजफ्फरनगर एडीएम की तरह बाकि आला अधिकारी और उनके समकक्ष अधिकारी भी इसी तरह वीआईपी कल्चर को त्याग दें तो उनकी सेहत पर काफी अच्छा असर पड़ेगा। सेहत बनने के साथ-साथ सरकारी खर्च भी कम होगा। जिससे पूरे देश के लिए बड़ी समस्या बन रहे प्रदूषण से भी लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।