सेंसर बोर्ड में अटक गई फिल्म पद्मावती | BOLLYWOOD NEWS

मुंबई। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने संजय लीला भंसाली निर्देशित ‘पद्मावती’ को फिल्मकारों के पास वापस भेज दिया है क्योंकि सर्टिफिकेशन के लिए आवेदन ‘‘अधूरा’’ था। सीबीएफसी के अनुसार मुद्दा सुलझाने के बाद बोर्ड के पास फिल्म भेजे जाने पर तय मानदंडों के मुताबिक एक बार फिर इसकी समीक्षा की जायेगी। गौरतलब है कि फिल्म को लेकर कई राजपूत समूह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 

सीबीएफसी में एक सूत्र ने कहा, ‘‘प्रमाणन के लिए फिल्म को पिछले सप्ताह भेजा गया था। जैसा कि आमतौर पर करते हैं, हमने दस्तावेजों की जांच की। फिल्मकारों को यह बता दिया गया है कि उनका आवेदन अधूरा है। उन्हें इसे दूर करना होगा और फिर इसे ठीक कर वापस भेजना होगा, जिसके बाद हम उसे फिर से देखेंगे। सूत्र ने बताया, ‘‘कमियों को ठीक करने के बाद जब वे (फिल्मकार) हमारे पास इसे भेजेंगे तो हम एक बार इसकी जांच करेंगे और फिल्म के लिये प्रमाणन की बारी आने पर इसकी भी जांच जायेगी। बहरहाल किस आधार पर ‘‘आवेदन में कमी’’ निकाली गयी जिसके कारण इसे संशोधन के लिये फिल्मकारों को वापस भेजा गया, इस बारे में सूत्र ने विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया।

फिल्म की स्क्रीनिंग की तारीख के बारे में पूछे जाने पर सूत्र ने बताया, ‘‘हमारे पास एक बार फिल्म आ जाये फिर इसे देखने के बाद हम निर्णय लेंगे। कोई अपवाद (‘पद्मावती’ मामले में) नहीं होगा। वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स के सीओओ अजित एंधेरे ने इन रिपोर्ट की पुष्टि की। उन्होंने बताया, ‘‘यह सच है लेकिन सीबीएफसी के साथ फिल्म का कुछ मामूली तकनीकी मुद्दा है। फिल्म देखने से उन्हें कोई नहीं रोक सकता।

उधर, दीपिका पादुकोण ने ज़ी मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में फिल्म 'पद्मावती' की रिलीज के ऊपर मंडरा रहे संकट पर कहा कि मुझे कानून पर पूरा भरोसा है। इतना ही नहीं उन्होंने फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली का भी शुक्रिया कहा। दीपिका ने कहा, 'मैं संजय लीला भंसाली की एहसानमंद हूं। मेरे पास उन्हें (संजय लीला भंसाली) शुक्रिया कहने के लिए शब्द नहीं हैं।

यह पूछे जाने पर कि इस पूरे विवाद से उन पर क्या प्रभाव पड़ा? दीपिका ने कहा, "एक महिला, एक कलाकार और एक ऐसी महिला जिसने अपनी जिंदगी के दो साल इस फिल्म को दिए हों, मुझे बहुत दुख हो रहा है और गुस्सा भी आ रहा है। उन्हें कहा, "मुझे अपनी न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है।

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