भोपाल। राजधानी में अध्यापकों का आज हाईप्रोफाइल ड्रामा हो गया। अध्यापक नेता जावेद खान ने बतौर महासचिव आजाद अध्यापक संघ भोपाल के जम्हूरी मैदान में 26 नवम्बर को आमरण अनशन का ऐलान किया लेकिन 26 नवम्बर की सुबह जम्मूरी मैदान में कोई भी नहीं था। दोपहर में पता चला कि सुबोध झारिया सहित कई अध्यापक नेता जम्हूरी मैदान में जावेद खान का इंतजार कर रहे हैं। थोड़ी देर बाद खबर आई कि जावेद खान ने भोजपुर शिवमंदिर के मैदान में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। चौंकाने वाली बात यह है कि देर शाम पता चला कि ना तो जम्मूरी मैदान में कोई टिका है और ना ही भोजपुर मंदिर के मैदान में। आमरण अनशन पर बैठे जावेद खान लापता हैं। शाम 5 बजे भोपालसमाचार.कॉम की जावेद खान से बात हुई थी। जावेद ने कुछ देर बाद विस्तार से जानकारी देने का आग्रह किया था। इसके बाद कोई संपर्क नहीं हुआ।
अध्यापकों का ड्रामा सोशल मीडिया से उतरकर आज मध्यप्रदेश की राजधानी में दिखाई दिया। इधर जम्हूरी मैदान से कुछ अध्यापकों ने फाटो सहित अपडेट किया कि जावेद खान यहां पर नहीं हैं। अध्यापक उनका इंतजार कर रहे हैं। थोड़ी देर बाद जावेद खान ने फेसबुक पर लिखा कि वो भोजपुर मंदिर के मैदान में आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। बतौर प्रमाण उन्होंने भी फोटो शेयर किया। भोपालसमाचार.कॉम से बात करते हुए जावेद खान ने कहा कि जम्हूरी मैदान में अनुमति नहीं मिली थी एवं बिना अनुमति अनशन पर जुर्माना का प्रावधान है अत: इसे भोजपुर मंदिर में शुरू किया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा समय तक अनशन पर रुका जा सके।
जावेद ने कहा था कि वो शाम को सबकुछ विस्तार से बताएंगे परंतु उनकी तरफ से कोई संपर्क नहीं किया गया। उनका सार्वजनिक मोबाइल नंबर भी बंद मिलता रहा। देर शाम सोशल मीडिया फिर अलग ही रंग में रंगी नजर आई। मुश्ताक खान की तरफ से अपडेट आया कि भोजपुर शिवमंदिर के मैदान में कोई भी नहीं है। मैदान पूरी तरह से खाली है। कुल मिलाकर अध्यापकों का आंदोलन अब मनोरंजन का केंद्र बन गया है और एक संदेश स्पष्ट हो गया है कि अब अनाज की तरह बिखर चुके अध्यापक नेता शायद ही कभी एकजुट हो पाएंगे।