व्यापमं घोटाला: सुरेश विजयवर्गीय और डॉ अजय गोयनका की बड़ी भूमिका का खुलासा

भोपाल। पीएमटी-2012 मामले में सीबीआई जांच के दौरान खुलासा हुआ है कि पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के मालिक सुरेश विजयवर्गीय ने बड़ी भूमिका निभाई है। दूसरे नंबर पर चिरायु मेडिकल कॉलेज का मालिक डॉ अजय गोयनका है जबकि 2 अन्य प्राइवेट कॉलेजों के मालिक भी इस घोटाले के प्रमुख सूत्रधारों में शामिल रहे हैं। सबसे बड़ा मुनाफा पीपुल्स के सुरेश विजयवर्गीय ने कमाया। पीपुल्स प्रबंधन मेरिट में आने वाले स्कोरर्स को कॉलेज की सरकारी कोटे की सीटों पर दिखावे के लिए एडमिशन देता था, फिर सीटें सरेंडर कराकर मनमाफिक दामों पर इन्हें बेच देता था। 

सीबीआई ने आरोपियों की जो सूची बनाई है उनमें पीपुल्स ग्रुप के चेयरमैन सुरेश एन. विजयवर्गीय, उनके दामाद और डायरेक्टर प्रशासन अंबरीश शर्मा, पीपुल्स के मेडिकल डायरेक्टर अशोक नागनाथ, पीपुल्स यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर विजय कुमार पांडे और चिरायु मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. अजय गोयनका समेत दो अन्य मेडिकल कॉलेज के कर्ता-धर्ता भी शामिल हैं।

क्या है पीएमटी घोटाला
इस घोटाले में 2000 करोड़ से ज्यादा का लेनदेन हुआ। अनुमान है कि करीब 5000 से ज्यादा छात्र इससे प्रभावित हुए। उनका कॅरिअर तबाह हो गया। पुलिस ने घूस देने वाले 500 अभिभावक सहित लगभग 2000 आरोपियों को सूचीबद्ध किया है। गवाहों ने बताया कि एमबीबीएस की एक सीट के बदले 40 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपए तक वसूले जाते हैं। वीवीआईपी स्तर के लोगों के परिवारजनों को मात्र 40 लाख रुपए में सीट दी जाती थी। आम रेट 80 लाख रुपए था। कई बार यह रकम 1.5 करोड़ तक गई। 

घबराए करोड़पतियों ने अग्रिम जमानत अर्जी लगाई
नोटिस मिलते ही आरोपी अग्रिम जमानत की तैयारी में जुट गए। ये सभी बुधवार को जिला अदालत में दौड़भाग करते नजर आए। कोर्ट में आरोपियों की ओर से बताया गया कि पीएमटी 2012 मामले में सीबीआई चार्जशीट पेश कर रही है। अपराध गैर जमानती हैं। गिरफ्तारी हो सकती है। इसलिए अग्रिम जमानत की अर्जी पेश है। गौरतलब है कि ऐसे ही मामले में इंदौर के अरबिंदो मेडिकल कॉलेज के कर्ता-धर्ता डॉ. विनोद भंडारी लंबे समय तक जेल में रहे थे।

चार्जशीट में कौन कौन से नाम शामिल हैं
सुरेश एन विजयवर्गीय, चेयरमैन पीपुल्य मेडिकल कॉलेज
अंबरीश शर्मा, 
डाॅ. अशोक नागनाथ, 
विजय कुमार पांडे, 
एससी तिवारी, 
चिरायु मेडिकल काॅलेज के डायरेक्टर डाॅ. अजय गोयनका, 
तत्कालीन डीएमई एनएम श्रीवास्तव, 
चेतेंद्र कुशवाह, 
नुसरत खान, 
डाॅ. रवि सक्सेना, 
डाॅ. विनायक भावसार, 
डाॅ. अशोक कुमार जैन, 
विनोद नारखेड़े, 
विनोद कुमार वर्मा, 
जयकृत सिंह, 
अशोक कुमार समेत अन्य।

रैकेटियर शिवहरे से मिला सुराग
जून 2016 में सीबीआई ने कानपुर के काकादेव में कोचिंग संचालक रमेशचंद्र शिवहरे को गिरफ्तार किया था। उसी ने पीपुल्स कॉलेज समेत दूसरे कॉलेजों में सरकारी कोटे की सीटों में चल रहे फर्जीवाड़े का खुलासा किया था। इसके बाद सीबीआई ने जून 2016 में प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों से दस्तावेज भी बरामद किए थे।

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