भोपाल में श्रेया घोषाल के साथ धक्का-मुक्की

भोपाल। मप्र का 62वां स्थापना दिवस समारोह मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर आयोजित भव्य समारोह में शामिह होने के लिए फेमस सिंगर श्रेया घोषाल बुधवार को भोपाल पहुंचीं। इस दौरान एयरपोर्ट से बाहर आते वक्त श्रेया को फैंस ने घेर लिया और उनके साथ सेल्फी ली। इस बीच श्रेया धक्का-मुक्की का शिकार भी हुईं। हालांकि उन्होंने बाद में अलग जाकर मीडियाकर्मियों और फैंस को फोटो के लिए पोज भी दिए।

कौन है श्रेया घोषाल
श्रेया घोषाल का जन्म एक बंगाली परिवार में हुआ। वे राजस्थान, कोटा के पास एक छोटे-से कस्बे रावतभाटा में पली-बढ़ीं। वे एक बहुत ही पढ़े-लिखे परिवार से हैं। उनके पिता भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र में नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र इंजीनियर के रूप में भारतीय नाभिकीय ऊर्जा निगम के लिए काम करते हैं, जबकि उनकी मां साहित्य की स्नातकोत्तर छात्रा हैं। चार साल की उम्र से घोषाल ने हारमोनियम पर अपनी मां के साथ संगत किया।

श्रेया की उपलब्धियां
बाल कलाकार के रूप में ज़ी टीवी पर सा रे गा मा (अब सा रे गा मा पा) की चिल्ड्रेन स्पेशल एपीसोड की प्रतियोगिता का खिताब उन्होंने जीता। श्रेया ने फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली का ध्यान अपनी ओर तब खींचा जब उन्होंने सा रे गा मा पा में दूसरी बार भाग लिया, इस समय वे व्यस्कों के साथ प्रतिस्पर्धा में भाग ले रही थीं। साल 2000 में, उन्होंने अपनी फिल्म देवदास में मुख्य महिला किरदार पारो, जिस किरदार को ऐश्वर्या राय को निभाना था, की आवाज के लिए मौका देने का प्रस्ताव रखा। फिल्म में श्रेया ने इस्माइल दरबार के संगीत निर्देशन में पांच गाने गाए। दुनिया भर के फिल्मी दर्शकों ने एश्वर्या राय पर फिल्माया गया, घोषाल का गाना सुना और बहुत ही जल्द वे बॉलीवुड में अलका याज्ञिक, सुनिधि चौहान, साधना सरगम और कविता कृष्णमूर्ति के साथ चोटी की पार्श्व गायिक बन गयीं। इस गीत ने उन्हें उस साल का सर्वश्रेष्ठ गायिका का फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार दिलाया। साथ ही उभरती प्रतिभाओं के लिए दिया जानेवाला आर॰ डी॰ बर्मन पुरस्कार भी उन्हें उसी पुरस्कार समारोह में दिया गया।

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