भंसाली को जूते की भाषा ही समझ आती है: BJP सांसद ने कहा

भोपाल। गुजरात चुनाव में राजपूतों की धमकी से घबराई भाजपा सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट जारी हो जाने के बाद फिल्म पद्मावती का विरोध कर रहे हैं। सेंसर बोर्ड में प्रक्रिया के दौरान किसी ने आपत्ति नहीं लगाई थी, अब भड़काऊ बयान जारी कर रहे हैं। सत्ताधारी दल के उज्जैन सांसद चिंतामण मालवीय ने बयान जारी किया है कि संजय भंसाली जैसे लोगों को जूते की भाषा ही समझ आती हे। मालवीय भाजपा के प्रवक्ता भी हैं। 

भाजपा सांसद ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि वे इस फिल्म का बहिष्कार करते हैं। साथ ही उन्होंने अपने शुभचिंतकों से गुजारिश कि है कि वे भी इस फिल्म को न देखें। भाजपा सांसद ने एक तस्वीर शेयर करते हुए अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा, 'मैं फ़िल्म पद्मावती का पुरजोर विरोध और बहिष्कार करता हूं। मेरे शुभचिंतकों से अनुरोध करता हूं कि इस फ़िल्म को बिल्कुल न देखें। फ़िल्म बनाकर चन्द पैसों के लालच के लिए इतिहास से छेड़छाड़ करना शर्मनाक और घृणित कार्य है। हर भारतीय नारी की आदर्श रानी पद्मावती जी पर भारतीयों को गर्व है।

चिंतामण मालवीय के लंबे पोस्ट में भंसाली पर भी तीखे प्रहार किए। उन्होंने लिखा, 'भंसाली जैसे लोगों को कोई और भाषा समझ नहीं, इन जैसे लोगो को सिर्फ जूते की भाषा ही समझ आती है. यह देश रानी पद्मावती का अपमान नही सहेंगा। जिन फिल्मकारों के घरों की स्त्रियां रोज अपने शौहर बदलती है वे क्या जाने जौहर क्या  होता है।


भाजपा अचानक हमलावर क्यों हो गई
फिल्म पद्मावती के निर्माण के समय राजपूत संगठनों ने इसका विरोध किया था। भाजपा ने राजपूतों का समर्थन भी किया था लेकिन बात खत्म हो गई थी। भाजपा सत्ता में है। सेंसर बोर्ड में भाजपा द्वारा नियुक्ति चेयरमैन है। फिल्म पद्मावती का सर्टिफिकेट जब प्रक्रिया में था तब किसी ने आपत्ति दर्ज नहीं कराई, अब हर रोज एक मंत्री या सांसद भड़काऊ बयान दे रहा है। सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्यों किया जा रहा है। जवाब है, गुजरात चुनाव के कारण। दरअसल, गुजरात में राजपूतों ने भाजपा को धमकी दी है कि यदि फिल्म रिलीज हुई तो समाज उनके खिलाफ वोट करेगा। भाजपा चाहती है कि मतदान होने तक फिल्म का रिलीज टाल दिया जाए। भंसाली ने उनकी बात नहीं मानी तो इस तरह के बयान जारी होने लगे। 

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