BHOPAL: संविदा कर्मचारियों के धरने में शामिल हुए अरविन्द केजरीवाल

भोपाल। राजधानी के अम्बेडकर मैदान में संविदा कर्मचारियों के चल रहे धरने में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल अचानक आ पहुंचे। अरविन्द केजरीवाल के पहुंचने पर मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौर ने स्वागत किया। केजरीवाल संविदा कर्मचारियों के धरना स्थल पर शाम 4 बजे पहुंचे। जब केजरीवाल पहुंचे धरना समापन की ओर था। कई अधिकारी कर्मचारी जा चुके थे। 

शिवराज 1 साल में नियमित कर दें, नहीं तो हम कर देंगे 
अरविन्द केजरीवाल ने कहा कर्मचारी को संविदा पर रखना है कानून के खिलाफ है, संविधान के खिलाफ है, संविदा पर रखना मानवता के भी खिलाफ है। संविदा पर कर्मचारी को रखकर उनकी संविदा खत्म करने की धमकी देकर संविदा कर्मचारियों का शोषण किया जाता है। जिससे बड़े अधिकारी भ्रष्टाचार कर सकें। यह प्रथा समाप्त होनी चाहिए। शिवराज सिंह सरकार को उनको संविदा कर्मचारियों के मंच से चेतावनी दी कि भाजपा सरकार के पास 1 साल का समय है वो एक साल में नियमित कर दे, नहीं तो हम 6 महीने नियमित कर देंगें।

नियत ठीक हो तो बजट भी आ जाता है 
अरविन्द केजरीवाल जी के साथ आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आलोक अग्रवाल भी थे। उन्होंने भी अपने उद्बोधन में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए सरकार को कहा है कि यदि सरकार की नियत ठीक हो तो बजट अपने आप आ जाता है।

संविदा कर्मचारी क्यों कर रहे हैं आंदोलन
200 दिन अतिथि के रूप में पढ़ाने वाले अतिथि शिक्षकों को अध्यापकों के नियमित पदों में 25 प्रतिशत् का आरक्षण दिये जाने और संरपचों द्वारा बिना किसी चयन परीक्षा, योग्यता के नियुक्त हुये गुरूजियों, पंचायत कर्मियों, शिक्षा कर्मियों सीधे नियमित कर दिये जाने, लेकिन शासकीय विभागों में प्रतियोगी परीक्षा देकर तथा आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए नियुक्त हुए संविदा कर्मचारी अधिकारियों को जो कि पन्द्रह - बीस सालों से म.प्र. के समस्त विभागों में कार्य कार्य कर रहे हैं, को सरकार द्वारा नीयमित नहीं किए जाने   तथा नियमितीकरण की कोई नीति नहीं बनाने, और सरकार के सौतेले व्यवहार से नाराज संविदा कर्मचारी अधिकारी चरणबद्व आंदोलन कर रहे हैं । जिसके दूसरे चरण में म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के बैनर तले सभी विभागों के संविदा कर्मचारी अधिकारी अम्बेडकर मैदान में धरना दे रहे थे ।

संविदा कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
(1) प्रदेश के सभी विभागों, परियोजनाओं , निगम मण्डलों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों   को नियमित किया जाए । विभागों में नियमित रिक्त पड़े पदों पर संवलियन किया जाए।  
(2) विभिन्न विभागों से जिन संविदा कर्मचारियों को हटा दिया गया है उन संविदा कर्मचारियों को बहाल  किए जाने ।
(3) समान कार्य समान वेतन दिये जाने, के लिए। 
(4) जिन संविदा कर्मचारियों को संविदा से आऊट सोर्सिंग पर कर दिया है उनको वापस संविदा पर विभाग में रखा जाए।
       तीसरे चरण में 10 नवम्बर से 20 नवम्बर तक रोज मुख्यमंत्री निवास तक एक गुलाब का फूल लेकर और पदयात्रा कर ज्ञापन सौंपकर मांगों का निराकरण किए जाने के लिए आग्रह करेंगें ।

इन विभागों से संविदा कर्मचारियों को हटाया है - 
जैसे स्वास्थ्य विभाग के मलेरिया कर्मचारी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से बीमाक एकाउन्टेंट, अर्श काउन्सलर, जननी काल सेंटर के कर्मचारी व अन्य कर्मचारी । योजना आर्थिक संाख्यिकी विभग के प्रगणक, डाटा एन्ट्री आपरेटर, कौशल विकास केन्द्र तथा आईटीआई से प्रशिक्षक, प्रबंधक, लेखापाल आदि । पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के वाटरशेड से पंचायत सचिव एवं समन्वयक, तकनीकी सहायक, बीआरजीएफ के कम्पयूटर आपरेटर व इंजीनियरर्स । महिला बाल विकास विभाग से ईसीसीई समन्वयक । कुम्भ मेले में कार्य कर चुके होम गार्ड जवान । सहकारिता से कम्प्यूटर आपरेटर । विद्यत वितरण कम्पनी के इंजीनियर व कर्मचारी ।

इन कर्मचारी नेताओं ने संबोधित किया
धरने को म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर सहित अन्य सभी विभागों के संविदा कर्मचारी संगठनों के अध्यक्ष वे कर्मचारी नेता राहुल जैन, मेघ सिंह, बघेल, अनूप पटेल,  देवेन्द्र उपाध्याय, जी.एस. अहिरवार, चन्द्रेश सक्सेना, नीलेश जैन, प्रशांत तिवारी, ओमेश्वर सूर्यवंशी, सुशील दोराहे,  अमर सिंह जाटव, राहुल शिवहरे, अमित कुल्हार, लोकेन्द्र श्रीवास्तव, दुर्गेश, योगेश ढोगे, अभिलाष भटनागर, नाहिद जहां, रमेश सिंह, उमाशंकर लांजेवार, श्याम गौतम, राजेश साहु, अवधेश दीक्षित, अमिताभ चौबे, विजय ठक्कर, राकेश मिश्रा, पूष्पेन्द्र श्रीवास्तव, राजेश रजक, श्याम पाटीदार , मनराज परमार सुनील यादव, मनीष चौधरी मनोज वंशीवाल, महेश शेंडे, योगेश शर्मा, निधि शर्मा, अजय शर्मा ,अर्चना पटेल, मंगलेश दुबे, हरीओम गोस्वामी, गोपाल दुबे, जगराज प्रजापति, राजीव सेन, सतीश निगम, अवधेश दीक्षित, राजेश कानूनगों, भूपेन्द्र सूर्यवंशी, उमेश शर्मा, विनित दुबे, योगेन्द्र परमार, अरविन्द सिंह, देवेन्द्र राठौर, देवेन्द्र सक्सेना, राजेश शर्मा, शैलेन्द्र पटेल, मनोज दुबे, राजेश कानुनगों, नितिन शर्मा,नीरज अमजरा, अग्निवेश आर्य, विनिता शर्मा, मनोज राय, विजय देवरिया, प्रकाश पगारे, लखन मेवाड़ा, योगेन्द्र परमार , प्रवीण श्रीवास, के.के. उपाध्याय, पी सतपुते, जितेन्द्र शर्मा, अल्पना विलियम्स, हेमन्त सूर्यवंशी,  कमलेश बरखे, पंकज शर्मा , आशुतोष शर्मा, जतिन , सतीश सोनी, विनय जायसवाल, रविन्द्र श्रीवास्तव, नीरज व्यास , प्रीतम सिंह मेवाड़ा , संजय पालीवाल, शैलेष पाण्डे , विनोद शाह, अहमद खान, विजय पाण्डे, लीलाधर अहिरवार, अशोक चौहान, राशीद खान, माखन सिंह अहिरवार, सचिन, राजकुमार साकल्ले, डैनी गौड़ , राम यादव, निखिल जैन, मनोज नाग, मनीष चौधरी, मनीष जैन, नीलम तिवारी, सहित अनेक कर्मचारी अधिकारी नेताओं ने धरने को सबंोधित किया ।     

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