7 बड़े मेडिकल कॉलेजों के संचालक तो काले कारोबारी निकले | MBBS ADMISSION SCAM

भोपाल। नीट यूजी काउंसलिंग-2017 से निजी कॉलेजों में एनआरआई सीटों पर हुए एडमिशन की स्क्रीनिंग रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मध्यप्रदेश के 7 बड़े मेडिकल कॉलेजों के संचालक काले कारोबारी हैं और करोड़ों का कालाधन कमा चुके हैं। इन्होंने एनआरआई कोटे की 97 सीटों को भी बेच डाला। इन सीटों पर अपात्र उम्मीदवारों को एडमिशन दे दिए गए। इसके लिए निजी कॉलेजों की काउंसलिंग कम एडमिशन कमेटियों ने एएफआरसी एक्ट में एनआरआई उम्मीदवार की गाइडलाइन को भी दरकिनार कर दिया। 

पत्रकार राेहित श्रीवास्तव की रिपोर्ट के अनुसार चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अफसरों ने यह रिपोर्ट हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच के निर्देश पर तैयार की है। कोर्ट ने कुछ दिनों पहले सरकार से नीट यूजी काउंसलिंग-2017 की मॉपअप और एनआरआई कोटे की काउंसलिंग की स्टेटस रिपोर्ट तलब की थी। सोमवार को चिकित्सा शिक्षा संचालनालय (डीएमई) से यह रिपोर्ट हाईकोर्ट भेजी गई। इससे पहले अफसरों की करीब दो घंटे चली बैठक में इसे अंतिम रूप दिया गया। 

चिकित्साशिक्षा संचालनालय के अफसरों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर निजी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन नीट यूजी 2017 से हुए हैं। इसके तहत निजी कॉलेज संचालकों को एनअारआई कोटे की सीटों पर एडमिशन के लिए काउंसलिंग कॉलेज लेवल पर कराने की छूट दी गई थी। इस काउंसलिंग में कॉलेजों की काउंसलिंग और एडमिशन कमेटी ने राज्य के निजी मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई सीट पर एडमिशन के लिए उम्मीदवार के पात्रता नियमों को अनदेखा कर 97 से ज्यादा अपात्र स्टूडेंट्स को सीट आवंटित कर एडमिशन दे दिया। 

किस कॉलेज में कितनी सीटें बेचीं 
1. पीपुल्स मेडिकल कॉलेज, भोपाल - 15 - 13 
2. चिरायु मेडिकल कॉलेज , भोपाल - 13 - 13 
3. एलएन मेडिकल कॉलेज , भोपाल - 15 - 15 
4. इंडेक्स मेडिकल कॉलेज, इंदौर - 20 - 19 
5. अरविंदों मेडिकल कॉलेज , इंदौर - 15 - 10 
6. अमलतास मेडिकल कॉलेज, देवास - 21 - 20 
7. आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज , उज्जैन - 7 - 7 
स्रोत:(आंकड़ेडीएमई की जांच कमेटी में शामिल एक सीनियर अफसर के मुताबिक) 

कब मिलता है एनआरआई कोटे का एडमिशन
राज्य सरकार ने प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटे की सीटों पर एडमिशन के लिए एनआरआई उम्मीदवार की परिभाषा आयकर अधिनियम 1961 की धारा 115 (ग) के खंड (ड) के तहत दी थी। इसके अनुसार एनआरआई सीट पर उसी उम्मीदवार को दाखिला मिलेगा, जो खुद, उसके माता-पिता और दादा-दादी एनआरआई हों। लेकिन, कॉलेज संचालकों ने उम्मीदवार के चाचा-चाची, चचेरे भाई-बहन, मामा-मामी की स्पांसरशिप देने वाले स्टूडेंट्स को एनआरआई मानकर एडमिशन दे दिया।
जिन्हे एडमिशन मिल चुका है उनका क्या होगा
चिकित्साशिक्षा संचालनालय के अफसरों ने बताया कि 7 मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटे की सीटों पर हुए अपात्रों 97 से ज्यादा एडमिशन रेगुलर करने अथवा निरस्त करने का फैसला हाईकोर्ट करेगा। इसके लिए एनआरआई एडमिशन की स्क्रीनिंग कम स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट को भेज दी गई है। 

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