संविदा कर्मचारियों का 5 नवम्बर को राजधानी भोपाल में ऐतिहासिक प्रदर्शन

भोपाल। 200 दिन काम करने वाले अतिथि शिक्षकों को नियमित पदों पर संविलयन किए जाने लेकिन दस से बीस वर्षो से संविदा पर कार्य करने वाले मप्र के विभिन्न विभागों, निगम मण्डलों, परियोजनाओं में कार्य करने वाले संविदा कर्मचारियों को नियमित नहीं किए जाने के विरोध में मप्र के सभी विभागों, निगम मण्डलों, परियोजनाओं में कार्य करने वाले संविदा कर्मचारी अधिकारी अपने चरणबद्ध आंदोलन के दूसरे चरण में राजधानी भोपाल के अम्बेडकर मैदान में विशाल धरना देंगें। 

मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश रमेश राठौर ने बताया कि संविदा कर्मचारी अधिकारी आंदोलन के पहले चरण में मप्र के स्थापना दिवस से काली पट्टी बांधकर अपने कार्य स्थल पर काम कर रहे हैं। आंदोलन के दूसरे चरण में 5 नवम्बर को राजधानी अम्बेडकर मैदान में धरना दिया जायेगा। आंदोलन के तीसरे चरण में 10 नवम्बर से 20 नवम्बर तक मुख्यमंत्री निवास पर जाकर ज्ञापन देंगें।

क्यों आंदोलन कर रहे हैं संविदा कर्मचारी अधिकारी
गौरतलब है कि प्रदेश के ढाई लाख संविदा कर्मचारियों में इस बात का आक्रोश है कि 200 दिन अतिथि शिक्षक के रूप में पढ़ाने वाले शिक्षकों को शिक्षा विभाग के नियमित अध्यापकों के पदों में 25 प्रतिशत् का आरक्षण और 9 वर्ष की आयु सीमा में छूट दिये जाने और संरपचों द्वारा नियुक्त बिना किसी चयन परीक्षा और पैमाने के नियुक्त गुरूजियों, पंचायत कर्मियों, शिक्षा कर्मियों सीधे नियमित कर दिया गया है लेकिन शासकीय विभागों में प्रतियोगी परीक्षा देकर तथा आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए नियुक्त हुए संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण सरकार द्वारा नहीं किया गया है जिससे प्रदेश के सभी विभागों और परियोजना के संविदा कर्मचारियों में आक्रोश है जिसके कारण प्रदेश के सभी संविदा कर्मचारी अधिकारी एक होकर सरकार के खिलाफ लामबंद होकर सड़कों पर सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने जा रहे हैं।

कर्मचारी अधिकारी संविदा कर्मचारियों की प्रमुख मांगें यह हैं
(1) प्रदेश के विभिन्न विभागों और परियोजनाओं में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को शीध्र नियमित किया जाए।
(2) प्रदेश के विभिन्न विभागों और उनकी परियोजनाओं से हटाये गये संविदा कर्मचारियों को अवलिबं वापस लिया जाए । डी.डी. सपोर्ट स्टाफ की सेवाए पूर्व की तरह एनएचएम से जारी रखीं जाए।
(3) समान कार्य समान वेतन दिया जाए। 
आंदोलन में राज्य शिक्षा केन्द्र सर्वशिक्षा अभियान, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, महिला एवं बाल विकास विभाग, खेल एवं युवक कल्याण विभाग, लोक एवं स्वास्थ्य विभाग, स्वच्छ भारत अभियान, ऊर्जा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, आयुष विभाग, राष्ट्रीय ग्रामीण एवं शहरी स्वास्थ्य मिशन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग, ऊर्जा विभाग, म.प्र. समस्त विघुत वितरण कम्पनी,, महिला आर्थिक विकास निगम, तकनीकी शिक्षा विभाग, मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क विकास प्राधीकरण, आजीविका मिशन, राज्य जल मिशन, राजीव गांधी जलग्रहण मिशन, आईएववाय, आईएपी,, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, डीआरडीए, आईएलपी , शहरी विकास अभिकरण, समस्त विघुत वितरण कम्पनी,, महिला आर्थिक विकास निगम, तेजस्वनी परियोजना, किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग, आदिम जाति एवं सामाजिक न्याय विभाग, वन विभाग, चिकित्सा शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, कौशल विकास केन्द्र,नगरीय प्रशासन विभाग, कुटीर एवं ग्रामोउघोग विभाग, स्कूल शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभाग,संस्कृति एवं धार्मिक न्यास विभाग, वाणिज्यक कर विभाग, सहकारिता विभाग,सुशासन एवं प्रशासन विभाग, समस्त निगम मण्डल, योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी विभाग, पुलिस हाऊसिंग विभाग, मनरेगा एवं रोजगार सहायक, लोक निर्माण विभाग, पशुपालन विभाग, लोक सेवा एवं प्रबंधन विभाग, ईगर्वनेस विभाग, म.प्र. विकास प्राधीकरण विभाग, पीएचई, हैण्डपंप टैक्निशियन, आवास एवं पर्यावरण विभाग, जनअभियान     परिषद, उच्च शिक्षा विभाग,संस्कृति एवं धार्मिक न्यास विभाग, वाणिज्यक कर विभाग, सहकारिता विभाग,सुशासन एवं प्रशासन विभाग, समस्त निगम मण्डल, योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी विभाग, पुलिस हाऊसिंग विभाग, मनरेगा एवं रोजगार सहायक, लोक निर्माण विभाग, पशुपालन विभाग, लोक सेवा एवं प्रबंधन विभाग।, राष्टीय खाद्य मिशन, आत्मा परियोजना, सामाजिक न्याय विभागों के कर्मचारी अधिकारी साथी आंदोलन में शामिल रहेंगें।

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