52 साल के LIC ऐजेंट ने की पॉलिसी में 19 लाख की धोखाधड़ी

कांकेर। लोग एलआईसी पर भरोसा करते हैं। उनके ऐजेंट्स पर भरोसा करते हैं और यदि ऐजेंट उम्रदराज हो तो आंख बंद करके भरोसा करते हैं परंतु यहां एलआईसी म्युचुअल फंड व यूटीआई म्युचुअल फंड में पैसा जमा करने का झांसा देकर उन्हें फर्जी बांड पेपर देने वाला एलआईसी एजेंट पुलिस के हत्थे चढ़ गया। शहर के दो लोगों की शिकायत के बाद पुलिस ने बाइस लाख से भी अधिक की राशि धोखाधड़ी कर गबन करने के आरोप में धारा 420, 467, 468, 471 व पराक्रम्य अधिनियम की धारा 138 के तहत अपराध पंजीबद्घ कर आरोपी हनीफ साकरिया को गिरफ्तार किया।

शहर में एलआईसी एजेंट का कार्य करने वाले हनीफ साकरिया के खिलाफ मोहम्मद जहीर पिता मोहम्मद नजीर (66) ने 22 अक्टूबर 2017 को और 21 नवंबर 2017 को शैलेन्द्री रावटे पति स्व. डीआर रावटे निवासी हाउसिंग बोर्ड कालोनी ने पुलिस थाना कांकेर में लिखित शिकायत की थी। उसने पुलिस को बताया था कि हनीफ साकरिया पिता अब्दुल गनी भाई (52) निवासी श्रीराम नगर ने उनके साथ धोखाधड़ी कर उनकी राशि का गबन कर लिया है। जांच में शिकायत सही पाए जाने पर बुधवार का एलआईसी एजेंट हनीफ साकरिया को पुलिस ने गिरफ्तार किया।

एआई संदीप कुमार ने बताया कि हनीफ ने एलआईसी व यूटीआई म्युचुअल फंड के नाम पर 19 लाख 55 हजार रूपये नगद मोहम्म्द जहीर से लिए थे। साथ ही यूटीआई म्युचुअल फंड में मोहम्मद जहीर व उसके परिवार के सदस्यों के नाम से 98000, 60000, 113000, 198000, 198000, 198000 रूपये (कुल 965000) का बांड पेपर दिया था।

जिसकी जांच यूटीआई म्युचुअल फंड कार्यालय मुम्बई भेजकर सत्यता के संबध में जांच कराई गई। जिसमें यूटीआई म्युचुअल फंड की अधिकृत संस्था से प्राप्त पत्र हनीफ साकरिया की ओर से जारी बांड पेपर को फर्जी होना बताया।

साथ ही मोहम्मद हनीफ साकरिया ने प्रार्थी को यूटीआई म्युचुअल फंड के नाम से झूठा ईमेल भेजकर धोखा दिया कि उनका पैसा यूटीआई म्युचुअल फंड में जमा हो गया है। हनीफ साकरिया ने प्रार्थी को उसकी पत्नी शाहमीदा खान के नाम पर एलआईसी नोमूरा म्युचुअल फंड के नाम से पांच बांड पेपर जारी किया था।

जिसमें कुल 9 लाख 90 हजार रूपये प्रार्थी से प्राप्त किया था। जिसकी जांच भी एलआईसी मुम्बई से कराई गई। हनीफ साकरिया ने प्रार्थी को एलआईसी म्युचुअल फंड कंपनी के नाम पर भी झूठा ईमेल भेजा था। मोहम्मद हनीफ साकरिया ने प्रार्थी के कुल 19,55,000 रुपए गबन कर लिया।

दूसरी शिकायत शैलेन्द्री रावटे ने की थी। जिसमें उसने एलआईसी अभिकर्ता हनीफ साकरिया को 3,00000 रूपये नगद लेकर यूटीआई म्युचुअल फंड के नाम पर जमा कराया था। उक्त बांड पेपर भी जांच में फर्जी पाया गया। इस प्रकार हनीफ साकरिया ने दोनों प्रकरणों में कुल 22 लाख 55 हजार रूपए का धोखाधड़ी कर गबन किया।

पकड़े जाने पर दिया था चेक
मोहम्मद जहीर ने एलआईसी व म्युचुअल फंड की परिवक्वता अवधि नजदीक आने पर बांड पेपर हनीफ साकरिया से रकम दिलाने के नाम पर ले लिए थे। लेकिन परिपक्वता के बाद भी एलआईसी व म्युचुअल फंड की राशि नहीं मिलने पर मोहम्मद जहीर ने मोहम्मद हनीफ साकरिया से रकम वापसी के लिए कहा था।

जिस पर हनीफ साकरिया ने अपना अपराध स्वीकारते हुए प्रार्थी के साथ एक एग्रीमेन्ट किया था। जिसमें उसने स्वीकार किया था कि उसने धोखाधडी की है और घर बेचकर पैसा लौटा देने की बात कही थी।

समय अवधि पूरा होने पर भी रकम नही लौटाने पर हनीफ साकरिया ने प्रार्थी मो. जहीर को युनियन बैक ऑफ इंडिया के नाम का चार चैक भी दिए थे। जिसे भुनाने के लिए बैक में लगाने से खाता संख्या 557701010010173 में पर्याप्त पैसा नहीं होने से चेक बाउंस हो गया था। जिसके बाद मोहम्मद जहीर ने मामले की शिकायत पुलिस थाने में की थी।

आरोपी का कंप्यूटर जब्त
हनीफ ने स्वंय यूटीआई और एलआईसी का फर्जी बांड पेपर छाप कर दिया था। फर्जी बांड पेपर छापने के लिए उपयोग किए गए कंप्यूटर, प्रिंटर व अन्य उपकरणों को जब्त कर लिया है। साथ ही प्रकरण से संबंधित बांड पेपर व अन्य दस्तावेज भी पुलिस ने जब्त किए हैं।

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