नई दिल्ली। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दूरसंचार विभाग के रिटायर कर्मचारी को अनावश्यक रूप से परेशान करने के लिए विभागीय अधिकारी पर 50 हजार रुपये हर्जाना लगाया है। साथ ही पीड़ित कर्मचारी को नोशनल प्रमोशन, तनख्वाह का अंतर और रिटायरमेंट के सभी लाभ सात प्रतिशत ब्याज के साथ देने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति भारती सप्रू एवं न्यायमूर्ति सिद्धार्थ की खंडपीठ ने पीड़ित कर्मचारी एन राम की याचिका पर दिया है।
याचिका के अनुसार याची को एलटीसी का बिल गलत तरीके से भुगतान कराने के आरोप में प्रताड़ित किया गया। उसकी प्रोन्नति रोक दी गई और चार इन्क्रीमेंट भी रोक दिए गए। वर्ष 1996 में आरोप की जांच शुरू की गई और वर्ष 2000 में उसे दोषी करार दिया गया। याची वर्ष 2004 में रिटायर हो गया। उसने अपने विरुद्ध कार्रवाई को कैट में चुनौती दी लेकिन उसे राहत नहीं मिली। इसके बाद उसने यह याचिका दाखिल की।
कोर्ट ने कहा कि याची का एलटीसी का जो टिकट फर्जी बताया जा रहा है, उसे फर्जी साबित नहीं किया गया। वरिष्ठ अधिकारी ने निजी रंजिश में उसे झूठे मामले में फंसा दिया इसलिए उस अधिकारी पर 50 हजार रुपये हर्जाना लगाया जाता है जो याची को दिया जाएगा। साथ ही रोके गए इन्क्रीमेंट और सेवानिवृत्ति संबंधी सभी लाभ सात फीसदी वार्षिक ब्याज के साथ भुगतान करने का निर्देश दिया है।