नई दिल्ली। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की कोशिश कर रही नरेंद्र मोदी सरकार ने तय मानकों को पूरा न करने वाले कालेजों पर ताला लगाने का फैसला लिया है। शुरूआती जांच के बाद 400 कॉलेज ऐसे मिले जिन्हे प्राइमरी स्कूल भी नहीं कहा जा सकता। सरकार ने इन कॉलेजों को बंद कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है साथ ही देश भर में मौजूद बीएड कॉलेजों की छानबीन शुरू कर दी गई है।
मंत्रलय के पास हालांकि पहले से ही तय मानकों को पूरा किए बगैर संचालित हो रहे ऐसे कालेजों को लेकर ढेरों शिकायत लंबित है। इनमें ज्यादातर ऐसे मामले है जिनमें राज्य सरकारों की ओर कोई जवाब ही नहीं दिया गया। मंत्रलय ने हाल ही इन शिकायतों के आधार पर कॉलेजों की जांच शुरू की, तो और भी कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। हजारों ऐसे कालेज हैं, जहां पर्याप्त शिक्षक तो दूर छात्रों के बैठने के लिए कमरे भी नहीं हैं।
75 प्रतिशत कॉलेज प्राइवेट
देश में मौजूदा समय में वैसे भी करीब 40 हजार कालेज संचालित हो रहे हैं। इनमें सबसे अधिक कालेज उत्तर प्रदेश में हैं। इसके अलावा भी जिन राज्यों में सबसे अधिक कालेज हैं, उनमें महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश हैं। इनमें 75 फीसद कालेजों का संचालन निजी प्रबंधन के हाथों में है।
400 बीएड कॉलेजों को बंद करने की सिफारिश
खराब गुणवत्ता और मानक पूरे न करने की शिकायतों पर उठाया कदम उच्च शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। हमने देशभर के सभी कॉलेजों की जांच कराने के निर्देश दिए है। तय मानकों पर खरे न उतरने वाले कॉलेजों पर ताला लगेगा। हाल ही में हमने करीब 400 बीएड कालेजों को तय मानकों पर खरे न पाए जाने पर बंद करने की प्रक्रिया शुरू की है।
डॉ. सत्यपाल सिंह, केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री