2 अंक वाले माँ की तरह भावुक और दयालु होते हैं

BHOPAL: किसी भी क्षेत्र मे संस्थान या क्षेत्र का प्रमुख व्यक्ति नम्बर 1 में होता है।उसके बाद बारी आती है। नंबर 2 की इस अंक का स्वामी चंद्रमा होता है। जिस तरह सूर्य पिता का कारक होता है। उसी तरह चंद्रमा माता का स्वामी होता है। परिवार मे पिता के बाद मां की स्थिति सर्वोच्च होती है। मन की भावना, सभी प्रकार की कल्पनाओ का कारक चंद्रमा ही होता है। सूर्य आत्मा तो चंद्रमा मन का स्वामी होता है। सूर्य अग्नि तो चंद्रमा जल का स्वामी होता है। सूर्य दिन तो चंद्रमा रात्रि का स्वामी होता है। सूर्य से जहां प्रबंधन तो चंद्रमा से कोमलता देखी जाती है। काव्य, कला, अभिनय आदि चंद्र की ही देन होती है।

चंद्र के शुभ होने से जीवन शुभ-चंद्रमा सभी जीवों का मन होता है। जिन लोगो पर 2 अंक का प्रभाव होता है। ऐसे लोग मां के लाडले काव्यजगत से रिश्ता रखने वाले, भावुक तथा दयालु होते है। लगातार भ्रमण करना इन्हे पसंद होता है। कालपुरुष की पत्रिका मे कुंडली का चौथा अर्थात सुख के स्थान का स्वामी चंद्रमा होता है। मातृ मकान, वाहन तथा सामाजिक सुख चंद्रमा के बलवान होने से ही मिलता है। मानसिक सुख शांति चंद्र बलि होने पर ही मिलती है। सारा मानव जीवन चंद्र के अनुकुल होने पर अत्यंत अनुकूल हो जाता है। इसके विपरीत चंद्र के प्रतिकूल होने पर मानव जीवन दरिद्रता, दुख और निराशा का घर हो जाता है।

अंक 2के विषय मे जानकारी
स्वामी- चंद्र 
तत्व- जल 
मित्र- सूर्य,मंगल,गुरु 
शत्रु- बुध,शुक्र,शनि,राहु,केतु
मित्र अंक- 1,3,9
शत्रु अंक- 4,5,6,7
शुभ रंग- सफेद, गुलाबी, लाल, पीला
अशुभ रंग- काला, हरा,नीला, चितकबरा 
कार्य- दूध, पानी, समुद्र, कला आदि
प.चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"
9893280184,7000460931
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