ग्राहकों की एफडी पर 220 करोड़ का लोन चढ़ा दिया | DENA BANK SCAM

नई दिल्ली। देना बैंक घोटाले में खुलासा हुआ है कि जिन ग्राहकों ने बैंक में एफडी कराईं थीं, उन पर घोटाला करके 220 करोड़ लोन चढ़ा दिया गया। मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की जा रही है। अब इस मामले में ईडी खेलों से जुड़ी कुछ कंपनियों के वित्तीय अधिकारी या एकाउंटेंट्स की जांच करना चाहता है। इनमें 2011 में आईपीएल खेलने वाली कोच्चि टस्कर के स्वामित्व वाली रेंडेजीवियस स्पोर्ट्स वर्ल्ड प्राइवेट लि., सूचीगत पीजी फायल्स लि., एसेल श्याम टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड और कुछ अन्य कंपनियां शामिल हैं। देना बैंक के मुंबई स्थित शोमैन ग्रुप के एक अधिकारी ने प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत इन पर 220 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के आरोप लगाए।

इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के मुताबिक, इस मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार, शोमैन ग्रुप के सीनियर वाइस प्रेजीडेंट विमल बरोट, जो फिलवक्त जेल में हैं, ने आरोप लगाया है कि देना बैंक की मुंबई शाखा में सात कंपनियों ने पैसा निवेश किया था। बरोट पर यह आरोप है कि उन्होंने बैंक मैनेजर के साथ मिलकर फिक्स्ड डिपॉजिट धारकों के नाम पर एक ओवरड्राफ्ट खाता खोला और फिक्स्ड डिपॉजिट के एवज में 220 करोड़ रुपए का लोन ले लिया। जब फिक्स्ड डिपॉजिट धारकों ने बैंक से संपर्क किया तो इस मामले का खुलासा हुआ।

पूरा मामला सीबीआई को सौंप दिया गया था। 2015 में इस मामले में आरोप पत्र दाखिल हुआ। ईडी ने एक साथ पीएमएलए के साथ जांच शुरू की। सूत्रों का कहना है कि एजेंसी ने अपराध किस तरह से हुआ इसकी प्रक्रिया पता कर ली है और यह पाया है कि बरोट ने यह सारा पैसा लगभग एक दर्जन कंपनियों के खाते में ट्रांसफर कराया है। इनमें रेंडीजीवियस, पीजी फायल्स और एसेल श्याम टेक्नोलॉजी जैसी कंपनियां हैं। कुछ मामलों में बरोट पर यह आरोप भी है कि उन्होंने कुछ कंपनियों की जानकारी में उनके नाम से खाते खोले। ये खाते फर्जी दस्तावेजों से खोले गए। ईडी सूत्रों का कहना है कि बरोट ने 6 करोड़ रुपए 2015 में कोच्चि टस्कर में निवेश किए। इसके अलावा बरोट ने 9 करोड़ और 7 करोड़ रुपए क्रमशः पीजी फायल्स और तुलसीदास गोपालजी ट्रस्ट में ट्रांस्फर किए।

सूत्रों का कहना है, जांच एजेंसी अब इन संगठनों के मुख्य वित्तीय अधिकारियों से पूछताछ करना चाहती है, ताकि सुबूत जुटाए जा सकें। जांच में यह भी पता चला है कि बरोट ने एक ही अंदाज में अन्य पब्लिक सेक्टर बैंकों में रुपए जमा कराए। देना बैंक ने इस फ्रॉड पर किसी ईमेल या फोन का जवाब नहीं दिया। रेंडेजीवियस स्पोर्ट्स वर्ल्ड के प्रवक्ता ने ईमेल के जरिये कहा कि, उनकी फर्म ने बरोट की पत्नी के नाम से चल रही यूवीआई फिल्म प्रोडक्शन प्राइवेट लि. के साथ इक्विटी इन्वेस्टमें के लिए एक अनुबंध किया था।

एसेल श्याम टेक्नोलॉजी और तुलसीदास गोपाल जी ट्रस्ट ने किसी ईमेल का जवाब नहीं दिया। जाहिर है यह एक बड़ा आर्थिक घोटाला लगता है। देखना है कि सीबीई की जांच किसी दिशा में जाती है और किस-किस को इसमें शामिल करती है।

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