जीएसटी काउंसिल ने 177 उत्पादों पर टैक्स घटाया

नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल ने शुक्रवार को आम आदमी को बड़ी राहत देते हुए करीब 177 चीजों पर जीएसटी की दरों में कटौती का फैसला किया है। खबरों के अनुसार अब तक इन चीजों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता था लेकिन अब यह घटकर 18 प्रतिशत रह जाएगा। हालांकि, इसका आधिकारिक ऐलान बैठक के बाद आज शाम को किया जाएगा। गुवाहाटी में वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की बैठक फिलहाल जारी है। इस बैठक में काउंसिल रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने की दिशा में भी कदम उठा सकती है।

इन चीजों पर है 28 प्रतिशत जीएसटी
सूत्रों ने कहा कि काउंसिल की 23वीं बैठक के एजेंडा में सबसे ऊपर 227 वस्तुएं हैं जिन पर फिलहाल 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है। इनमें से पान मसाला, सीमेंट, मेकअप सामान, कॉस्मेटिक्स, प्री एंड आफ्टर शेविंग सामान, वैक्यूम क्लीनर, निजी इस्तेमाल के लिए एयरक्राफ्ट, वाशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर जैसी 62 चीजों को छोड़कर बाकी 177 वस्तुओं पर जीएसटी की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत की करने पर फैसला हुआ

इन पर हो सकती है कटौती
जिन चीजों पर जीएसटी की दर कम होने के आसार हैं उनमें पंखे, डिटरजेंट, शैम्पू, एलपीजी स्टोव, फर्नीचर जैसे उत्पाद शामिल हैं। इससे मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी।

रियल एस्टेट आ सकता है जीएसटी के दायरे में
सूत्रों ने कहा कि काउंसिल रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने की दिशा में भी कदम बढ़ाएगी। रियल एस्टेट के मुद्दे पर काउंसिल में एक प्रजेंटेशन दिया जाएगा। हालांकि इस बैठक में इस संबंध में कोई अंतिम फैसला होने के आसार फिलहाल कम हैं।

उल्लेखनीय है कि काउंसिल के कुछ सदस्यों ने रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग उठायी थी जिसके बाद इस बारे में विचार किया जा रहा है। फिलहाल फिलहाल जमीन की बिक्री पर राज्य सरकारें स्टांप शुल्क लगाती हैं। स्टांप शुल्क की दर भी अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग है। कुछ राज्यों में तो यह आठ प्रतिशत तक है। नीति आयोग ने अपने त्रिवर्षीय एक्शन एजेंडा में भी स्टांप ड्यूटी घटाने की वकालत की है। इसके अलावा मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने भी कहा है कि अगर जमीन और रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में नहीं लाया गया तो काले धन का सृजन नहीं रुकेगा।

सूत्रों ने कहा कि काउंसिल व्यापारियों को राहत देने के लिए हेमंत विश्व शर्मा समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर सकती है। समिति ने रेस्टोरेंट में खाने पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करने और कंपोजीशन स्कीम को और आकर्षक बनाने की सिफारिश की है।

समिति ने कंपोजीशन स्कीम की सीमा एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ करने और यह विकल्प चुनने वाले व्यापारियों, मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयों और रेस्टोरेंट पर एक प्रतिशत जीएसटी लगाने की सिफारिश की है। फिलहाल कंपोजीशन स्कीम में एक प्रतिशत से पांच प्रतिशत तक जीएसटी लगता है। समिति ने जीएसटी अनुपालन की प्रक्रिया को आसान बनाने तथा पेनाल्टी 200 रुपये प्रति दिन से घटाकर 50 रुपये प्रतिदिन करने की सिफारिश भी की है।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !