बिना आॅक्सीजन 108 एंबुलेंस के चालक व प्रबंधक के खिलाफ FIR के आदेश

शहडोल। आपातकालीन समय में संजीवनी का काम करने वाली 108 एंबुलेंस के साथ ख़ुद स्वास्थ्य कर्मी ही खिलवाड़ कर रहे हैं। इस बात का ख़ुलासा किसी और ने नहीं बल्कि ख़ुद स्वास्थ्य विभाग ने किया है। 108 एंबुलेंस में दो ऑक्सीजन सिलिंडर रखना अनिवार्य किया गया है लेकिन 108 एंबुलेंसों में दो ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं रखे जा रहे थे। इस बात की जानकारी स्वास्थ्य विभाग ने कलेक्टर को दी जिसके बाद कलेक्टर ने 108 एंबुलेंस के चालकों समेत प्रबंधकों पर एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दे दिए हैं।

बता दें कि शहडोल में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राजेश पांडेय लगातार 108 एंबुलेंस के चालकों और प्रबंधकों को निर्देश दे रहे थे कि एंबुलेंस में अनिवार्य रूप से दो ऑक्सीजन सिलिंडर रखें लेकिन चालकों द्वारा कोरम पूरा करते हुए एक ऑक्सीजन सिलिंडर एंबुलेंस में रख दिया गया। इस बात से नाराज़ मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कलेक्टर को इस बड़ी लापरवाही से अवगत करा दिया।

स्वास्थ्य अधिकारी और कलेक्टर का कहना है की 108 एंबुलेंस का उपयोग आपातकालीन समय के लिए किया जाता है। इसलिए इन सभी वाहनों में कम से कम दो ऑक्सीजन सिलिंडर होना अनिवार्य होता है ताकि रास्ते में एक ख़त्म होते ही दूसरा लगाया जा सके और गंभीर मरीज़ की जान बचाई जा सके।

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शहड़ोल कलेक्टर नरेश पॉल ने निर्देश दिया है कि 108 एंबुलेंस के प्रबंधक से इस बड़ी लापरवाही को लेकर राशि वसूल की जाए। साथ ही उनसे गाइड लाइन की प्रति भी मांगी जाए। 

कलेक्टर के इस फ़रमान के बाद स्वास्थ्य विभाग और 108 एंबुलेंस चालकों व प्रबंधकों के बीच हड़कंप मचा है। आनन-फ़ानन में सभी ने अपनी-अपनी एंबुलेंस में दो-दो सिलिंडर रखने का प्रयास किया है। बावजूद इसके कलेक्टर ने कहा है कि इस स्वास्थ्य सेवा से जुड़े मामले पर इतनी बड़ी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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