भोपाल में 10 दिन गांधीगिरी करेंगे संविदा कर्मचारी | SAMVIDA KARMACHARI NEWS

भोपाल। महामहिम राष्ट्रपति के सामने मप्र सरकार की छवि धूमिल ना हो इस कारण संविदा कर्मचारियों के द्वारा 10 नवम्बर से 20 नवम्बर तक होने वाली पदयात्रा को संविदा कर्मचारियों के द्वारा स्थगित कर 20 से 30 नवम्बर किया गया था। संविदा कर्मचारियों के चरणबद्ध आंदोलन के तीसरे चरण में 20 नवम्बर से 30 नवम्बर तक मुख्यमंत्री निवास तक 10 सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल रोजाना पद यात्रा कर गांधीगिरी करेंगें। जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जिस रास्ते से निकलते हैं उस रास्ते पर गुलाब पंखुडि़यां बिछायेंगें, गुलाब का फूल और तुलसी का पौधा और संविदा कर्मचारियों की समस्याओं / मांगों का ज्ञापन देंगें।  

जिसमें संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण, हटाये गये संविदा कर्मचारियों की सेवा बहाली , जिन संविदा कर्मचारियों को आऊट सोर्सिंग पर कर दिया है उनकी सेवाएं यथावत विभाग के माध्यम् से की रखी जाएं का उल्लेख रहेगा। दस दिन के गांधी गिरी में संविदा कर्मचारी पहले दिन तुलसी का पौधा, दूसरे दिन गुलाब की पंखडि़यों, गुलाब के फूल के साथ भगवत गीता , तीसरे दिन रामदरबार का फोटो, चौथे दिन साईबाबा का चित्र,  पांचवें दिन गुरूनानक जी चित्र, छठवें दिन महात्मा गांधी का चित्र, सातवें दिन बाबा साहेब अम्बेडकर का चित्र, आठवें दिन भगत सिंह आजाद का चित्र, नवें दिन चंद्रशेखर आजाद का चित्र, दसवें दिन देवी दुर्गा का चित्र भेंट कर संविदा कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण की मांग करेंगें।

संविदा कर्मचारियों का संविदा के नाम पर किया जाता है शोषण
मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि प्रत्येक विभागों में दस से बीस सालों संविदा पर कार्य करने वाले कर्मचारियों की प्रतिवर्ष संविदा वृद्धि के नाम पर अधिकारियों के द्वारा मनमाने तरीके से मानसिक, शरीरिक, आर्थिक शोषण किया जाता है। संविदा बढ़ाने के कई विभागों और जिला कार्यालयों में रूपये मांगें जाते हैं। संविदा कर्मचारियों का यह कहकर अपमान किया जाता है कि आप संविदा पर हो जब चाहे भगा देंगें। संविदा कर्मचारियों के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता है। संविदा कर्मचारियों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता है। काम नियमित कर्मचारियों से ज्यादा लिया जाता है वेतन आधा दिया जाता है।

क्यों आंदोलन कर रहे हैं संविदा कर्मचारी
मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि म.प्र. सरकार ने 200 दिन अतिथि के रूप में पढ़ाने वाले अतिथि शिक्षकों को अध्यापकों के नियमित पदों में 25 प्रतिशत् का आरक्षण दे दिया गया, संरपचों द्वारा बिना किसी चयन परीक्षा, योग्यता के नियुक्त हुये गुरूजियों, पंचायत कर्मियों, शिक्षा कर्मियों सीधे नियमित कर दिया गया, लेकिन शासकीय विभागों में प्रतियोगी परीक्षा देकर तथा आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए नियुक्त हुए संविदा कर्मचारी अधिकारियों को जो कि पन्द्रह - बीस सालों से म.प्र. के समस्त विभागों में कार्य कार्य कर रहे हैं, को सरकार द्वारा नियमित नहीं किया गया जबकि संविदा कर्मचारियों की अथक कार्य के कारण ही म.प्र. सरकार को अभी तक सारे पुरूस्कार और उपलब्धियां प्राप्त हुई हैं ।  संविदा कर्मचारियों के लिए नियमितीकरण की कोई नीति नहीं बनाने, अनेक विभागों से संविदा कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने तथा कई संविदा कर्मचारियों को संविदा से आऊट सोर्सिंग करने और सरकार के सौतेले व्यवहार से नाराज संविदा कर्मचारी अधिकारी चरणबद्व आंदोलन कर रहे हैं । और 20 नवम्बर से 30 नवम्बर तक गांधीगिरी कर अपनी मांगें मनवाने का प्रयास करेंगें।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !