अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव के बीच चुनाव आयोग के इंतजार विवादित हो गए हैं। गिर अभ्यारण्य में एक पोलिंग बूथ सुर्खियों में है क्योंकि वहां केवल एक ही मतदाता है, जिसके लिए पूरा बूथ बनाया गया है। चुनाव आयोग ने गिर अभ्यारण्य स्थित प्राचीनतम मंदिर के एक पुजारी के लिए पोलिंग बूथ की व्यवस्था की है लेकिन, कच्छ के रेगिस्तान में रह कर नमक बनाने वाले मजदूरों के लिए मोबाइल पोलिंग बूथ बनाने से साफ इन्कार कर दिया है। यहां करीब 6800 परिवार रहते हैं।
आपको बता दें कि गिर के जंगल में आने वाले दाणेज गांव में वन विभाग द्वारा किसी को भी रहने की अनुमति नहीं है, लेकिन यहां प्राचीन काल में निर्मित मंदिर में एक पुजारी रहता है। इस बुजुर्ग महंत के लिए चुनाव आयोग हर बार चुनाव के दौरान अलग से पोलिंग बूथ की व्यवस्था करता है। इस बार भी विधानसभा चुनाव के लिए महंत द्वारा वोटिंग करने के लिए बूथ बनाया जा रहा है। चुनाव आयोग ने इस बारे में स्थानीय अधिकारियों को आवश्यक आदेश भी दे दिए हैं।
ताज्जुब की बात है कि इस दौरान जहां केवल एक वोट के लिए इतनी बड़ी व्यवस्था की जा रही है, वहीं पाटण, कच्छ, सुरेन्द्रनगर और मोबरी जिले के 207 गांवों के अगियारों के 6800 परिवारों के लिए वोट डालने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ये सभी रोजी-रोटी कमाने के लिए रण क्षेत्र में जाते हैं। ये परिवार कच्छ के रेगिस्तान में 8 माह रहकर मजदूरी करते हैं। सितंबर से अप्रैल महीने तक अगरिया परिवार रेगिस्तान में रहता है।
इस बारे में जनसंपर्क अधिकार पहल संस्था के अध्यक्ष पंक्ति जोग बताते हैं कि अगरिया परिवारों के वोट करने के लिए ट्रांसपोर्ट सुविधा देने तथा मोबाइल पोलिंग बूथ की व्यवस्था करने के लिए राज्य चुनाव आयोग से मांग की गई थी लेकिन, चुनाव आयोग ने यह कहते हुए इन्कार कर दिया है कि इस प्रकार की सुविधा करने के लिए कोई प्रावधान नहीं है।