मदद मांगों तो TI कहता है फिर हथियार उठा ले, डकैत बन जा: शीला मेंमवासा

ग्वालियर। मध्यप्रदेश पुलिस के मैदानी अमले की शिकायतें बढ़ती जा रहीं हैं। ताजा मामला ग्वालियर के जनकगंज थाने से आ रहा है। यहां आत्मसमर्पण कर चुकी दस्यु सुंदरी शीला अपने पति के खिलाफ शिकायत लेकर चक्कर लगा रही है। शीला का कहना है कि जब भी वो थाने जाती है पुलिस वाले उसे डकैत कहकर चिढ़ाते हैं। टीआई से मदद मांगो तो कहता है नियमानुसार कार्रवाई हो रही है। जल्दी न्याय चाहिए तो फिर से हथियार उठाकर डकैत बन जा। 

आतंक का दूसरा नाम थी शीला 
न्याय के लिए पुलिस के चक्कर लगा रही शीला का किसी जमाने में जोरदार आतंक था। 90 के दशक में भिण्ड में किराना कारोबारी नवल शिवहरे का दुकान से घसीट कर अपहरण करने के बाद चंबल के बीहडों में उसके आतंक का डंका बज गया था। जुर्म की दुनिया में कुछ बरस गुजारने के बाद सरेंडर किया। जेल से निकलने के बाद भंवरपुरा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बन गई। इस दौरान उसने मुरैना जिले के नूराबाद के रहने वाले कल्लू गुर्जर से शादी कर ली। ग्वालियर की गोल पहाडिया पर घर बनाकर करीब 7 साल तक साथ रहा।

पैसे लेकर भाग गया पति 
आरोप है कि छह महीने पहले वह बाजार गई थी तब कल्लू घर से 85 हजार रुपए और 9 तोला वजनी जेवर लेकर भाग गया। अब मुंह खोलने पर मारने की धमकी दे रहा है। वही एसपी ने इस मामले के संज्ञान में आने पर कार्रवाई की बात कही है।

इसलिए बन गई थी डकैत
दस्यु सुंदरी शीला मेंमवासा (जालौन) के रहने वाली है। पिता माखन ने पीपरी गांव किसान लाखन से उसकी शादी की थी। गांव के दंबगों ने ससुराल में उसका जीना मुहाल कर दिया था। पति दंबगों का विरोध नहीं कर सका लेकिन वह सहन नहीं कर सकी तो दो बच्चों को छोड़कर कुख्यात तिलक सिंह खंगार की गैंग में शामिल हो गई। सात साल तक डकैत गैंग के साथ हत्या, लूट, अपहरण और डकैती की वारदातों में शामिल रही दस्यु सुंदरी को आज अपनी जिंदगी का डर सता रहा है।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !