सिखों की आंतरिक राजनीति में कूदा RSS, भाजपा के सिख नेता ने दिया इस्तीफा

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) सिख समाज की आंतरिक राजनीति में कूद गया है। वो बीजेपी के लिए जमीन मजबूर कर रहा है। बुधवार को तालकटाेरा स्टेडियम में आयोजित गोबिंद सिंह के 350वें प्रकाशोत्सव समारोह के बाद दिल्ली प्रदेश भाजपा में सियासत गरमा गई है। दरअसल, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व सिख विंग के मुखिया कुलवंत सिंह बाठ ने कार्यक्रम को सिख विरोधी बताकर इसमें हिस्सा नहीं लिया था। इस पर बवाल हुआ तो बाठ ने अपना इस्तीफा भेज दिया। 
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बाठ के इस्तीफे पर जब शुक्रवार को मीडिया ने प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी से सवाल किया तो उन्होंने कहा- पार्टी ने बाठ के काम का सम्मान किया है। उनकी पत्नी को भी पूर्वी निगम में स्थाई समिति में उपाध्यक्ष जैसे बड़ा पद दिया। बाठ को इस्तीफा देना है तो फिर अपनी पत्नी से भी इस्तीफा दिलाएं।

दोनों पदों से इस्तीफा दिलवा दूंगा
तिवारी के बयान के बाद बाठ ने कहा, मैं पहले सिख हूं और मेरे लिए मेरा धर्म और अकाल तख्त पहले है। पार्टी कहेगी तो पार्षद और उपाध्यक्ष दोनों पदों से पत्नी का भी इस्तीफा दिलवा दूंगा।

ऐसे शुरू हुआ पूरा विवाद...
दिल्ली में प्रदेश भाजपा, शिरोमणि अकाली दल के समानांतर खड़ी होना चाहती है। इसके लिए पार्टी दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। बुधवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में संघ की राष्ट्रीय सिख विंग द्वारा गुरु गोबिंद सिंह के 350वें प्रकाशोत्सव समारोह का आयोजन किया गया लेकिन अकाल तख्त की नाराजगी के डर से बाठ समेत पार्टी के सिख नेता इसमें नहीं आए। संघ के वरिष्ठ नेताओं ने बाठ की गैरहाजिरी पर मनोज तिवारी से कार्रवाई करने को कहा। इस बात की भनक लगते ही बुधवार देर रात बाठ ने खुद ही इस्तीफा दे दिया।

जिस स्कूल के चेयरमैन हैं, उसके बच्चों को भेजा
संघ के इस समारोह में स्कूली बच्चों के भाग लेने व शबद-कीर्तन करने के मामले में दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बाठ पर कार्रवाई कर सकती है क्योंकि समारोह में लोनी रोड स्थित गुरुहरकिशन पब्लिक स्कूल के छात्रों ने भाग लिया था। बाठ इस स्कूल के चेयरमैन हैं। कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके के अनुसार इस मामले की जांच की जा रही है।

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