GUJARAT ELECTION: 2 नवम्बर को फिर भाजपा के साथ आ जाएंगे पाटीदार

नई दिल्ली। गुजरात चुनाव को लेकर पूरी भाजपा संकट में है। एक नरेंद्र मोदी ही हैं जो संकट मोचक सिद्ध हो सकते हैं। मोदी भी गुजरात के कई चुनावी दौरे कर चुके हैं परंतु हालात अब भी तनावपूर्ण ही हैं परंतु अब भाजपा के रणनीतिकारों को पूरी उम्मीद है कि यह स्थिति बदल जाएगी। 2 नवम्बर को भाजपा से रूठा पाटीदार समाज फिर से भाजपा के साथ आ जाएगा। दरअसल 2 नवम्बर को प्रधानमंत्री गांधीनगर के स्वामीनारायण संप्रदाय के अक्षरधाम मंदिर जा सकते हैं। अक्षरधाम मंदिर में इसी हफ्ते इसका रजत जयंती समारोह (सिल्वर जुबली प्रोग्राम) होने वाला है। स्वामीनारायण संप्रदाय में पाटीदारों की काफी बड़ी तादाद है। माना जा रहा है कि मोदी की यह विजिट चुनावी सीन बदल देगी। 

मोदी की रणनीति सफल होगी 
2 नवंबर को अक्षरधाम मंदिर का रजत जयंती समारोह मनाया जाएगा। मोदी इसमें शामिल हो सकते हैं। इसके पहले 15 अगस्त को भी प्रधानमंत्री यहां आए थे। फिलहाल, मोदी के दौरे का ऑफिशियल अनाउंसमेंट नहीं हुआ है। गुजरात में 9 और 14 दिसंबर को असेंबली इलेक्शन के लिए वोटिंग होनी है। ऐसे में मोदी अगर स्वामीनारायण संप्रदाय के प्रोग्राम में हिस्सा लेते हैं तो धार्मिक कार्यक्रम होते हुए भी इसमें सियासत की मौजूदगी नजर आएगी।

पाटीदारों के लिए खास है अक्षरधाम
मोदी 15 अगस्त को जब गुजरात आए थे तो स्वामीनारायण संप्रदाय के प्रमुख स्वामी के निधन पर शोक व्यक्त करने अक्षरधाम गए थे। पीएम ने स्वामी को अपने पिता जैसा बताया था। मोदी ने बताया था कि प्रमुख स्वामी उनसे बहुत प्रेम करते थे। स्वामीनारायण संप्रदाय के करोड़ों फॉलोवर्स हैं। और इनमें भी बहुत बड़ी तादाद पाटीदारों की है। आरक्षण के मुद्दे पर यही समुदाय बीजेपी से नाराज चल रहा है। हार्दिक पटेल बहुत हद तक कांग्रेस को समर्थन देने की बात कह चुके हैं।

बीजेपी के समर्थक माने जाते रहे हैं पाटीदार
आमतौर पर पाटीदार कम्युनिटी को बीजेपी का समर्थक माना जाता है। हार्दिक पटेल की लीडरशिप में जब पाटीदार आंदोलन चला तो ये कम्युनिटी बीजेपी से दूर होती नजर आई। मोदी का अक्षरधाम दौरा एक बार फिर पाटीदारों को बीजेपी की तरफ लाने में मददगार साबित हो सकता है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पाटीदार समुदाय में पुरानी पीढ़ी के लोग अब भी बीजेपी के ही समर्थक माने जाते हैं।

पाटीदारों को इतनी तवज्जो क्यों
गुजरात में कुल वोट का 20% पाटीदार हैं। इसमें लेउवा 60% और कड़वा 40% हैं। पाटीदार समाज को भाजपा को थोकबंद वोट माना जाता है। 2012 में बीजेपी को 80% पाटीदार वोट मिले थे। निवर्तमान विधानसभा में 182 में से 44 पाटीदार विधायक हैं। यदि भाजपा गुजरात मेें अपनी सत्ता स्थापित रखना चाहती है तो यह वोट बहुत जरूरी है। 2015 में पटेल आंदोलन चल रहा था। इस दौरान 11 जिला पंचायतों के चुनाव में से 8 में कांग्रेस को जीत मिली है।

गुजरात इलेक्शन: कौन, किसके साथ?
जिग्नेश मेवाणी: राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के नेता। चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन बीजेपी के खिलाफ बनने वाले मोर्चे का साथ देने का एलान किया।
छोटू भाई वासवा: झगड़िया विधानसभा से JDU के एमएलए हैं। शनिवार (28 अक्टूबर) को राहुल गांधी से मुलाकात के बाद कहा- कांग्रेस के साथ मिलकर इलेक्शन लड़ेंगे और जीतेंगे।
अल्पेश ठाकोर: OBC लीडर हैं। वे 23 अक्टूबर को कांग्रेस में शामिल हुए।
रेशमा और वरुण पटेल: दोनों पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के करीबी माने जाते हैं। 23 अक्टूबर को अमित शाह से मुलाकात के बाद BJP में शामिल हुए।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !