पेट्रोल पर GST के लिए 54 हजार पंप संचालकों किया हड़ताल का ऐलान

नई दिल्ली। पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर जीएसटी एवं हर रोज दाम बदलने वाले सिस्टम को खत्म करने की मांग को लेकर  पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की यूनाईटेड बॉडी (UPF) ने 13 अक्टूबर को एक दिन के बंद का ऐलान कर दिया है। साथ ही धमकी भी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो 27 अक्टूबर से बेमुद्दत बंद शुरू कर दिया जाएगा। बता दें कि डीलर्स हमेशा विभिन्न राज्यों में पेट्रोल/डीजल के दामों के बीच बड़े अंतर का विरोध करते रहे हैं। इन दिनों यह अंतर काफी ज्यादा हो गया है और कई राज्यों के सीमावर्ती पंप संचालक अपना खर्चा तक नहीं निकाल पा रहे हैं। 

मुंबई में ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के मेंबर अजय बंसल ने कहा, ''हमारी मांगें डीलर्स के मार्जिन और कमीशन को लेकर हैं। मौजूदा वक्त में सप्लाई में कई तरह की गड़बड़ियां हैं। डीलर्स चाहते हैं कि केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाए। अगर ऑयल कंपनियों की तरफ से हमें वक्त पर सही जवाब नहीं मिला तो 27 अक्टूबर से बेमियादी हड़ताल की जाएगी। इस दौरान पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की खरीद-बिक्री पूरी तरह बंद रहेगी। कंपनियों ने हमारी मांगों को नवंबर, 2016 से लटका रखा है। इसके लिए 28 जून को ऑयल कंपनियों और कैबिनेट सेक्रेटरी को लेटर लिखा था, लेकिन अब तक कोई पॉजिटिव जवाब नहीं मिला। हड़ताल से उन पर दबाव बनेगा।

क्या हैं एसोसिएशन की मांगें?
कंपनियां हर 6 महीने में डीलर्स का मार्जिन बढ़ाएं। डीलर्स के घाटे की नई स्टडी हो, ताकि इसे कम किया जा सके। ट्रांसपोर्टेशन से जुड़ी परेशानियों को फौरन दूर किया जाए। 
सरकार पेट्रोल-डीजल के रेट हर दिन घटने-बढ़ने का सिस्टम खत्म करे। 1 जुलाई से लागू सिस्टम से कंज्यूमर और डीलर दोनों को नुकसान झेलना पड़ रहा है। इसके अलावा एसोसिएशन ने ऑयल प्रोडक्ट्स की होम डिलेवरी के सरकार के फैसले का भी विरोध किया।

क्या है यूपीएफ?
यूनाईटेड पेट्रोलियम फ्रंट पेट्रोलियम डीलर्स की यूनाईटेड बॉडी है। इसमें ऑफ ऑल इंडिया पेट्रोलियम ट्रेडर्स, ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन और कन्सोर्टियम ऑफ इंडियन पेट्रोलियम डीलर्स शामिल हैं। देश के करीब 54 हजार पेट्रोल पंप डीलर इन तीन संगठनों के मेंबर हैं।

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