सड़क पर जानलेवा गड्ढा है तो ठेकेदार के खिलाफ FIR कराइए

भोपाल। यदि आम रास्ते पर कोई गड्ढा है और उसके आसपास यातायात प्रबंधन के लिए निर्धारित उपकरणों का उपयोग नहीं किया गया है। इस लापरवाही के कारण यदि कोई हादसा होता है तो संबंधित ठेकेदार के खिलाफ पुलिस में एफआईआर कराई जा सकती है। ज्यादातर लोग यहां तक कि पुलिस अधिकारी भी इस कानून को नहीं जानते। इस तरह के मामले आईपीसी की धारा 288, 431 के तहत दण्डनीय अपराध हैं जो पुलिस थानों में दर्ज किए जाने चाहिए। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में ऐसा ही एक मामला दर्ज किया गया है। 

कोलार पुलिस के मुताबिक 24, डीके हनी होम्स में जॉय तिर्की पत्नी अलका तिर्की के साथ रहते हैं। तिर्की दंपति का बीमा कुंज के पास शेफ्स कार्नर नाम से रेस्टोरेंट है। जॉय मर्चेंट नेवी में अफसर हैं। अवकाश के कारण इन दिनों घर आए हुए हैं। उनकी पत्नी पहले एक स्कूल में पढ़ती थी, लेकिन अब वह अपना रेस्टोरेंट संभालती हैं। मंगलवार शाम को जॉय रेस्टोरेंट से घर जाने के लिए अपनी बाइक से निकले थे। शाम करीब 7 बजे वह कोलार थाने के पास पहुंचे, तभी बीच सड़क पर खोदे गए गड्ढे के कारण उनकी बाइक अनियंत्रित हो गई। इससे वह बाइक से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए।

जिस समय हादसा हुआ जॉय की पत्नी घर से रेस्टोरेंट जाने के लिए निकली थीं। रास्ते में भीड़ देखकर वह रुक गईं। पति की गंभीर हालत देखकर वह घबरा गईं। वह उन्हें 108 एम्बुलेंस से लेकर नर्मदा ट्रॉमा सेंटर पहुंची। वहां जॉय को आईसीयू में भर्ती कर लिया गया है। अलका तिर्की ने बताया कि उनके पति को बुधवार शाम तक होश नहीं आया है। पुलिस ने अलका तिर्की की शिकायत पर नगर निगम के ठेकेदार के खिलाफ धारा-279, 288, 431 के तहत केस दर्ज कर लिया है।

क्या है धारा 288, 431
किसी भी निर्माण कार्य के दौरान इस तरह की लापरवाही करना जिससे किसी का जीवन संकट में पड़ सकता है। इस तरह के मामले में धारा 288 के तहत कार्रवाई का प्रावधान है। इसी तरह किसी भी मार्ग को बिना कोई पूर्व सूचना के खंडित करना। जिससे आम यातायात प्रभावित हो और हासदे की आशंका बढ़ जाए। ऐसी स्थिति में धारा-431 के तहत र्कावाई का प्रावधान है।

अफसरों की लापरवाही की जांच भी होगी
सीएसपी हबीबगंज भूपेंद्रसिंह ने बताया कि इस मामले की विवेचना के दौरान ठेकेदार के अलावा उन अफसरों की भूमिका की भी जांच होगी, जिन्होंने इस निर्माण कार्य के दौरान ठेकेदार की लापरवाही को नजरअंदाज किया। साथ ही इस तरह के हासदे में पीड़ित पक्ष की शिकायत मिलते ही दोषी ऐजेंसियों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की जाएगी।

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