सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार का आतंकी कनेक्शन, हंगामा जारी

नई दिल्ली। सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल एक बार फिर सुर्खियों में हैं। गुजरात के सूरत शहर में सरदार पटेल हॉस्पिटल से एक आतंकवादी की गिरफ्तारी हुई है। गुजरात के सीएम विजय रुपाणी का दावा है कि यह अस्पताल अहमद पटेल का है। इधर कांग्रेस और अस्पताल का कहना है कि अहमद पटेल या उनके परिवार का इससे कोई रिश्ता नहीं है। आतंकवादी इस अस्पताल में इको कार्डियोग्राम टेक्नीशियन के तौर पर काम करता था। उसका एक और साथी गिरफ्तार किया गया है जो जिला न्यायालय में वकील था। 

बता दें कि अहमद पटेल गुजरात में भाजपा को शर्मसार कर देने वाली रणनीति का नाम है। पिछले दिनों पटेल को राज्यसभा सांसद बनने से रोकने के लिए भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी परंतु अंतत: भाजपा को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। सोनिया गांधी के सलाहकार होने के कारण कांग्रेस के लिए पटेल का काफी महत्व है और गुजरात के कई फैसले भी अहमद पटेल ही करते हैं। 

क्या बोले गुजरात के सीएम?
विजय रुपाणी ने कहा, "23 अक्टूबर 2016 को उस हॉस्पिटल में इनॉगरेशन का प्रोग्राम था। यहां अहमद पटेल के इन्विटेशन पर राष्ट्रपति आए थे। मंच पर भी अहमद पटेल नजर आए थे। भले ही उन्होंने इस हॉस्पिटल के ट्रस्टी के तौर पर इस्तीफा दे दिया था, लेकिन पटेल ही प्रोग्राम के होस्ट थे। उनकी जिम्मेदारी बनती है। हम केवल ये चाहते हैं कि कांग्रेस और अहमद पटेल इस पर सफाई दें। 

कांग्रेस ने क्या जवाब दिया?
अहमद पटेल ने कहा, "BJP के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। मेरी अपील है कि इलेक्शन को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीति ना की जाए। गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने कहा, "अगर कोई गुनहगार है, आतंंकवादी है, देश के खिलाफ काम कर रहा है तो ऐसे लोगों को फांसी की सजा दी जाए। आप लोग (BJP) राजनीति ना करें, देश नीति करें और आतंकियों पर कड़ी कार्रवाई करें। जब पार्लियामेंट पर हमला हुआ तो सोनिया जी ने अटल जी को फोन किया कि टेररिस्टों के खिलाफ लड़ाई में हम आपके साथ हैं। रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, "बीजेपी और गुजरात के सीएम अपनी कमियों को छिपाने के लिए इस तरह के निराधार आरोप लगा रहे हैं।"

अहमदाबाद और बेंगलुरू में ब्लास्ट का था प्लान
एटीएस की पूछताछ में आतंकियों ने खुलासा किया कि उनके निशाने पर अहमदाबाद और बेंगलुरू के यहूदी धर्मस्थल थे। इन लोगों ने रेकी भी की थी। एक साल पहले एटीएस को इनके आईएसआईएस से जुड़े होने की और जिहादी आइडियोलॉजी से इंस्पायर होने के सबूत मिले थे। यह जानकारी उबेद के 17 दिसंबर 2016 को किए फेसबुक पोस्ट से मिली थी। तब एटीएस ने अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के थाने की स्टेशन डायरी में फेसबुक पोस्ट के बारे में नोट किया था। एटीएस सूत्रों के मुताबिक, उबेद और कासिम ने पिछले साढ़े तीन साल में सूरत के बाहर अंकलेश्वर, अहमदाबाद, मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और बेंगलुरु जाकर भी मुलाकात की थी। एटीएस ने एक-एक टीम इन शहरों में भेजी हैं। इसका मकसद यह पता लगाना है कि कहीं ये शहर भी तो इनके टारगेट पर नहीं थे।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !