हिमाचल का दिग्गज सुखराम परिवार BJP में, 98 में कांग्रेस को धूल चटाई थी

शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजनीति में खासा दबदबा रखने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम शर्मा ने अपने पूरे परिवार समेत भाजपा में शामिल होने का ऐलान कर दिया है। सुखराम के पुत्र अनिल शर्मा हिमाचल सरकार में मंत्री हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा अनिल के बेटे को भी टिकट देने राजी हो गई है। इससे पहले चुनावों का ऐलान होते ही सीएम वीरभद्र सिंह की धर्मपत्नी प्रतिभा सिंह की भाभी भी भाजपा में शामिल हो गईं थीं। बता दें कि सुखराम 1998 में भी कांग्रेस त्यागकर उसकी सरकार गिरा चुके हैं परंतु तब उन्होंने हिमाचल विकास कांग्रेस बनाई थी। बता दें कि अनिल शर्मा के बेटे अर्पित शर्मा ने सलमान खान की बहन अर्पिता खान से शादी की है। 

हिमाचल विधानसभा चुनाव के एलान के तीसरे ही दिन कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम और उनके बेटे व हिमाचल सरकार में मंत्री अनिल शर्मा ने परिवार के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का एलान कर दिया है। इससे सूबे की राजनीति में भूचाल ला दिया है। सुखराम के पोते आश्रय शर्मा के भी भाजपा में शामिल होने की सूचना है। आश्रय शर्मा को भी भाजपा टिकट दे सकती है।

हालांकि उन्होंने अभी मंत्रिमंडल और कांग्रेस से इस्तीफा नहीं दिया है। जल्द ही वह विधिवत रूप से भाजपा में शामिल हो जाएंगे। वीरभद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे अनिल शर्मा का कहना है कि उन्हें लंबे समय से उनके परिवार को नजरंदाज किया जा रहा था। मजबूरी में उन्हें यह कदम उठाना पड़ा। मंडी सदर से प्रत्याशी बनाने के आश्वासन के बाद वह भाजपा में शामिल हुए हैं। गौरतलब है कि पंडित सुखराम मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के धुर विरोधी रहे हैं। 

कांग्रेस में महसूस कर रहे थे घुटनः अनिल
अनिल शर्मा ने भाजपा में शामिल होने की बात स्वीकारते हुए कहा कि कांग्रेस में वह लंबे समय से घुटन महसूस कर रहे थे। राहुल गांधी की मंडी रैली के दौरान उनके पिता पंडित सुखराम का विरोध किया गया था। इसी के चलते वह इस रैली में शामिल नहीं हुए थे। इसके बाद चुनाव को लेकर गठित समितियों में भी उनको और पंडित सुखराम को कोई जगह नहीं मिली। शनिवार को पंडित सुखराम ने खुद कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुशील शिंदे से दिल्ली में मुलाकात कर नाराजगी जताई लेकिन उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला। 

इसके बाद उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला लिया। अनिल शर्मा का कहना है कि भाजपा ने उन्हें मंडी सदर से प्रत्याशी बनाने का आश्वासन दिया है और जल्द ही वह विधिवत रूप से पार्टी को ज्वाइन करेंगे। भाजपा में शामिल होने का एलान करने पर मंडी के कई भाजपाई उनसे मिलने उनके घर पहुंच गए।

पड्डल में रैली का किया था विरोध
पंचायतीराज मंत्री अनिल शर्मा ने बीते दिनों मंडी के पड्डल मैदान में हुई कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी की रैली को लेकर भी एतराज जताया था। उन्होंने पड्डल मैदान को नुकसान पहुंचने की बात कहते हुए रैली का विरोध किया था। अनिल शर्मा के इस कदम को लेकर खूब चर्चा हुई थी। तभी से अनिल का परिवार समेत भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं तेज हो गई थी।

बदलेंगे मंडी की राजनीति के समीकरण
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम के परिवार की भाजपा में एंट्री होने से जिला मंडी के राजनीतिक समीकरण बदल जाएंगे। जिला में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम का खासा दबदबा माना जाता है। सुखराम और अनिल शर्मा के भाजपा में शामिल होना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। मंडी सदर सीट कांग्रेस का गढ़ रहा है। अनिल शर्मा के कांग्रेस छोड़ने से भाजपा को जिला में मजबूती मिलने की संभावना है। 

पहले भी दे चुके हैं कांग्रेस को झटका
पंडित सुखराम का हिमाचल की राजनीति में खासा दबदबा रहा है। उन्होंने ही साल 1998 में हिमाचल विकास कांग्रेस का गठन कर प्रदेश में तीसरा मोर्चा का विकल्प दिया था। साल 1998 में पंडित सुखराम की हिविकां के सहयोग से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी थी। इस चुनाव में हिविकां के पांच विधायक जीते थे। उस समय भाजपा और कांग्रेस की 31-31 सीटों पर जीत हुई। हिविकां के सहयोग से तब मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनीं। हिविकां समर्थित भाजपा सरकार ने अपना कार्यकाल तो पूरा किया, मगर बाद में हिविकां का कांग्रेस में विलय हो गया।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !