BHOPAL में तेंदुए की बकरी चोरी, पुलिस फोर्स तैनात, इलाके में दहशत

भोपाल। राजधानी में एक अजीब तरह की घटना हुई है। हालात यह हैं कि ग्रामीण भयभीत हैं। उनकी सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात कर दी गई है और वनविभाग की टीम तेंदुए की तलाश कर रही है। दरअसल, तेंदुआ गुस्से में है, क्योंकि उसने एक बकरी का शिकार किया था। गांव वाले उसका शिकार उठा ले गए और पार्टी कर ली। अब तेंदुआ गुस्सा हो गया है और गांव के आसपास चक्कर लगा रहा है। ग्रामीणों को डर है कि वो हमला कर सकता है।  

घटना समरधा रेंज के बालमपुर घाटी से सटे लालू दादा के टपरा नामक बस्ती में रविवार की है। बस्ती में 70 मकान हैं। समरधा रेंज के रेंजर सुनील वर्मा ने बताया बालमपुर घाटी के कम्पार्टमेंट में रविवार तड़के तेंदुए ने धर्मेंद्र बंजारा नामक रहवासी की बकरी का शिकाय किया था। रहवासियों ने तेंदुए को खदेड़ दिया और बकरी को घर लेकर आ गए। जहां उसकी मौत हो गई। जिस पर रहवासियों ने मृत बकरी के मांस की पार्टी कर ली। उसके बाद से तेंदुआ आबादी वाले क्षेत्र के आसपास घूम रहा है। कई बार रहवासियों ने उसे देखा है। इससे वे डरे हुए हैं।

रेंजर ने बताया कि रहवासियों की सुरक्षा के लिए दोपहर से वन विभाग की टीम मौके पर हैं। दो बार तेंदुए को आसपास के जंगल में सर्च किया जा चुका है लेकिन वह मिला नहीं है। रहवासियों में भय को देखते हुए रात्रि गश्ती के लिए लगा दी है।

पुलिस भी पहुंची मौके पर तेंदुए के आने के भय से रहवासी इतने भयभीत हैं कि वन विभाग को पुलिस की मदद लेनी पड़ी। अंधेरा होते ही सूखी सेवनिया पुलिस ने बस्ती में डेरा डाल लिया था। वाहनों से बस्ती समेत आसपास के गांवों में गश्ती कराई जा रही थी। रात 12 बजे तक वन विभाग के एसडीओ संजय पाठक भी टीम के साथ मौके पर थे।

बाघ-तेंदुए द्वारा किए शिकार को हटाना गलत
बाघ और तेंदुए द्वारा किए गए शिकार को नहीं हटाना चाहिए। क्योंकि ये दोनों ही शिकार को खाने के लिए दो से तीन दिन तक वापस आते हैं। जब उन्हें शिकार नहीं मिलता तो वे आक्रमक होते हैं। ऐसे में गंभीर घटनाएं हो सकती है। जंगल के आसपास रहने वाले लोगों में जागरूकता लानी होगी। क्योंकि भोपाल के आसपास के जंगल में बाघ और तेंदुए दोनों का मूवमेंट है जो शिकार करते हैं। ऐसे में उनके शिकार को हटाना गंभीर हादसे को निमंत्रण देना जैसा है। इसलिए रहवासियों को समझाना होगा कि उन्हें जो नुकसान होगा उसकी भरपाई वन विभाग करेगा। इसलिए उन्हें शिकार को नहीं हटाना चाहिए। 
आरके दीक्षित, वन्यप्राणी विशेषज्ञ, भोपाल

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