BHOPAL: गृहसचिव के बंगले में घायल हुए सिपाही की मौत

भोपाल। गृह सचिव विवेक शर्मा को शिवाजी नगर में आवंटित हुए सरकारी बंगले में घायल हुए सिपाही रामभान सिंह की बंसल अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। उसकी हालत में सुधार हो रहा था तभी अस्पताल ने एक आॅपरेशन किया और उसके बाद उसे होश नहीं आया। विवेक शर्मा आईपीएस का कहना है कि वो बंगले में छत से नीचे गिर गया था जिससे वो घायल हुआ था। हबीबगंज पुलिस इस मामले में मर्ग दर्ज कर जांच कर रही है। 

हबीबगंज टीआई रविंद्र यादव के अनुसार ईडब्ल्यूएस सरस्वती स्कूल के पास कोटरा सुल्तानाबाद में रहने वाले 37 वर्षीय रामभान सिंह पिता स्व.लक्ष्मी सिंह जिला पुलिस बल भोपाल में आरक्षक था। उसकी पदस्थापना वल्लभ भवन में स्थित गृह मंत्रालय के सेक्रेटरी होम विवेक शर्मा के पास थी। 98 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी विवेक शर्मा को शिवाजी नगर में सी -24 बंगला आवंटित हुआ था। वह अभी इसमें शिफ्ट नहीं हुए हैं।

दस फीट ऊंची पोर्च की छत से गिरा
गृहसचिव एवं आईपीएस विवेक शर्मा का कहना है कि अभी मैं उस बंगले में शिफ्ट नहीं हुआ हू। उसमें मेटेनेंस का काम बाकी है। उसके लिए रामभान सिंह के पास एक चाबी रहती थी। 20 सिंतबर को बंगले में नल फिटिंग का काम चल रहा था।पीडब्ल्यूडी का प्लम्बर बंगले पर था। सुबह 5 से 8 बजे के बीच नल आते हैं। उसे चेक करवाने के लिए रामभान सेन गया था। इसी दौरान वह दस फिट ऊंची पोर्च की छत को जोड़ती हुई फाइवर के शेड के ऊपर से नीचे आकर गिरा। इस हादसे में उसके सिर में चोट लगी थी। उसे पहले हमीदिया अस्पताल ले जाया गया। उसके बाद उसे बंसल में भर्ती कराया था। जहां उसकी हालत में काफी सुधार था, लेकिन शनिवार को उसकी तबियत बिगड़ी और उसकी उपचार दौरान मृत्यु हो गई।

पिता की मौत के बाद मिली थी अनुकंपा
रामभान सिंह के पिता की भोपाल गैस त्रासदी में बीमारी के बाद मौत हुई थी। अपने पिता के इकलौते बेटे को उसकी मां शिवकली ने बड़े संघर्ष के साथ बड़ा किया था। उसे पिता की मौत के बाद पुलिस विभाग में अनुकंपा नियुक्ति मिल गई थी। तब उसकी उम्र महज 8 वर्ष थी। ग्रेजुएट करने के बाद वह आरक्षक बन गया था। उसकी पोस्टिंग भोपाल में थी। दो साल पहले ही उसकी मां की भी मृत्यु हो चुकी है।

सात दिन से लगी थी बंगले पर ड्यूटी
रामभान सेन सात दिनों से सेक्रटरी होम विवेक शर्मा के बंगले पर ड्यूटी कर रहा था। जबकि उसके पहले उसकी पोस्टिंग वल्लभ भवन में थी। उसके चाचा वृंदावन सेन का कहना है कि बसंल अस्पताल में उसकी तबीयत में सुधार रहा था, लेकिन 27 सितंबर को ऑपरेशन के बाद उसको होश नहीं आया।

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