टीकमगढ़ कांड: पुलिस ने किसानों के पैसे भी छीने थे

भोपाल। टीकमगढ़ में अपनी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने के लिए विरोध प्रदर्शन करने आए किसानों को पुलिस ने ना केवल कपड़े उतारकर पीटा बल्कि उनके पास रखे पैसे भी छीन लिए। प्रताड़ित हुए किसानों में एक तो ऐसा था जो आंदोलन में शामिल ही नहीं था। वो बाजार करने आया था। उसे गांव का ट्रेक्टर दिखा तो वो भी सवार हो गया। उसने पुलिस को बताया कि वो प्रदर्शन में शामिल नहीं था लेकिन पुलिस ने उसकी सुनवाई नहीं की और उसे भी कपड़े उतारकर पीटा गया। 

टीकमगढ़ से लौटकर आए पत्रकार सौरभ खंडेलवाल ने पीड़ित किसानों से बातचीत की। किसानों ने उन्हे बताया कि करीब आठ से दस पुलिस जवानों ने गंदी गंदी गालियां दीं और बारी बारी से सबको पीटा। बर्मामांझ गांव के रहने वाले किसान राजेंद्र घोष ने बताया कि आंदोलन खत्म होने के बाद जैसे ही थाना देहात के सामने से निकले तो करीब दस से बारह पुलिस जवानों ने थप्पड़ मारते हुए थाने में चलने को कहा। थाने में जाते ही हमारे हाथ में बंधे कलावे अपने हाथों से काट दिए और मारपीट कर कपड़े उतारने लगे। कपड़े उतारने के बाद फिर डंडों से पीटा। घर में बिजली है नहीं, फिर भी दस हजार रुपए का बिल आ गया। आंदोलन में इस उम्मीद से आया था कि कुछ राहत मिलेगी। पुलिस ने पैसे तक निकाल लिए किसान प्रभुदयाल घोष ने बताया कि मारपीट के दौरान पुलिस ने कई लोगों से पैसे भी छुड़ा लिए फिर वापस नहीं किए। उन्होंने बताया कि मैं 200 रुपए घर से लाया था, पुलिस ने पूरे पैसे छुड़ा लिए।

पुलिस बोली- तुम कहीं से भी आए हो, हमें क्या करना
किसान प्रागी चढ़ार ने बताया कि जब पुलिस हमें मारते हुए थाने के अंदर ले जा रही थी तो हमने उनसे कहा कि हम आंदोलन में नहीं आए थे। इस पर पुलिस ने लाठियां बरसाते हुए कहा कि तुम कहीं भी आए हो, उससे हमें कोई लेना-देना नहीं है। कपड़े तो उतारने पड़ेंगे। उन्होंने बताया कि मैं बाजार करने आया था, गांव जाने के लिए ट्रैक्टर ट्रॉली मिली तो उसमें बैठ गया। हरपुड़ा के इमरत यादव ने बताया कि कुएं सूख चुके हैं, गांवों में पीने को पानी नहीं है। सोचा था कलेक्टर राहत देंगे, लेकिन हमारा मजाक बना दिया।

किसानों के तमाम दावे झुठलाते हुए टीकमगढ़ एसपी कुमार प्रतीक ने कहा कि हमने भी पत्थर खाए हैं, क्या हमारा कोई मानवाधिकार नहीं है? 

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !