जैनमुनि ने कहा: मैने रेप नहीं किया, वो मेरे साथ राजी थी

सूरत। 19 साल की छात्रा के साथ रेप के आरोप में गिरफ्तार किए गए जैन ​मुनि आचार्य शांतिसागर ने मेडिकल टेस्ट से पहले डॉक्टर के साथ सामान्य बातचीत में जो कुछ कहा वो सब मेडिको लीगल केस रजिस्टर में दर्ज कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि जैनमुनि ने डॉक्टर को बताया कि वो रेप नहीं था। जो कुछ हुआ दोनों की रजामंदी से हुआ है। मुनि ने बताया कि मैं लड़की को 5-6 महीने से पहचानता हूं। वह पहली बार मिलने के लिए अपने परिवार के साथ सूरत आई थी। टीमलियावाड नानपुरा धर्मशाला में लड़की की रजामंदी से उससे एक अक्टूबर को फिजिकल रिलेशन बनाए। डॉक्टर ने मुनि से पूछा- "आप साधु हैं, ऐसा क्यों किया?" इस पर मुनि ने सिर झुका लिया। बाद में मुनि को जेल भेज दिया गया। 

शनिवार रात गिरफ्तारी के बाद 10 से 11.45 बजे तक मुनि का मेडिकल हुआ था। इस दौरान जरूरी सैंपल नहीं लिया जा सका। डॉक्टरों ने कहा कि मुनि टेंशन में हैं। पुलिस उन्हें जांच के लिए दोबारा लेकर आए। सूत्रों के मुताबिक, मामला सेंसेटिव होने के चलते पुलिस फॉरेंसिक जांच करवाने की भी तैयारी कर रही है। शांति सागर को पुलिस ने शनिवार रात ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया, लेकिन रिमांड नहीं मांगी गई। पुलिस ने कोई सामान बरामद नहीं करने की बात कही है। कोर्ट से ज्यूडिशियल कस्टडी दिए जाने के बाद रात 12:35 बजे मुनि को जेल भेज दिया गया।

इन्वेस्टिगेशन अाॅफिसर डीके राठौड़ ने बताया कि चार गवाहों ने इस केस में बयान दिए हैं। चारों का दावा है कि लड़की और आचार्य की मौजूदगी में वह भी वहां थे। शांति सागर दिगंबर जैन संत हैं। यह संत कपड़े नहीं पहनते हैं, लेकिन गिरफ्तारी के बाद मेडिकल, कोर्ट में पेशी और जेल भेजने के दौरान उन्हें कपड़े पहनाकर रखा गया।

कौन है शांतिसागर?
शांतिसागर बचपन से लेकर जवानी तक एमपी के गुना डिस्ट्रिक्ट में ताऊजी के साथ रहे। उनके एक दोस्त ने बताया कि पहले उनका नाम गिर्राज शर्मा था। उनका परिवार कोटा में रहता था। पिता सज्जनलाल शर्मा वहीं पर हलवाई थे। दोस्त ने बताया कि गिरराज मौज-मस्ती में जीने वाला था। खूब क्रिकेट खेलता था। पढ़ाई में एवरेज था। उनके दोस्तों का ग्रुप शहर में उन दिनों के सबसे फैशनेबल युवाओं का था। कपड़े हों या हेयर कट, नए ट्रेंड को सबसे पहले यही ग्रुप अपनाता था।

गिरराज 22 साल की उम्र में मंदसौर में जैन संतों के कॉन्टेक्ट में आए। पढ़ाई अधूरी छोड़कर वहीं दीक्षा लेकर गिरराज से शांतिसागर महाराज बन गए। संन्यासी बनने के तीन दिन पहले वह गुना आए थे। दो दिन बिताने के बाद कभी गुना नहीं लौटे।

कैसे सामने अाया था मामला
जैन मुनि शांतिसागर पर मध्यप्रदेश के ग्वालियर में रहने वाली 19 साल की लड़की ने रेप का आरोप लगाया है। गुजरात के सूरत में पुलिस ने शुक्रवार को उनके खिलाफ केस दर्ज किया था। शनिवार देर रात मेडिकल जांच में रेप की बात कंफर्म होने के बाद शांतिसागर को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद जैन कम्युनिटी की कुछ आॅर्गनाइजेशन ने मुनि की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन भी किया था।

बता दें कि आरोप लगाने वाली लड़की वडोदरा में कॉलेज स्टूडेंट है। लड़की ने पुलिस कमिश्नर को लेटर लिखकर कहा था कि जैन मुनि ने 01 अक्टूबर को शहर के नानपुरा टीमलियावाड जैन मंदिर में उससे रेप किया। अपने फैमिली मेंबर्स के साथ वह धार्मिक प्रोग्राम के सिलसिले में वहां गई थी। जैन मुनि इस दौरान सूरत में चातुर्मास के लिए रह रहे थे।

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