नई दिल्ली। नेता भी अब ब्रांड हो गए हैं। कार्पोरेट की तरह पीआर ऐजेंसियां हायर करने लगे हैं। शुरूआत नरेंद्र मोदी ने ही की थी परंतु यह अब प्रचलन में आ गया है। 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए राहुल गांधी ने अमेरिका की उसी ऐजेंसी को हायर किया है जिसने ट्रंप को चुनाव जिताया। कहा जाता है कि जो कंपनी ट्रंप को चुनाव जिता सकती है वो किसी को भी जिता सकती है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी की जीत में सोशल मीडिया पर चलाए गए कैंपेन की अहम भूमिका रही थी। अब कांग्रेस भी इसी एजेंडे पर आगे बढ़ती हुई नजर आ रही है। इकनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, कांग्रेस कैंब्रिज ऐनालिटिका नाम की एजेंसी के संपर्क में है। यह एजेंसी इंटरनेट डेटा का विश्लेषण करके चुनावी रणनीति बनाने में मदद करती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, कैंब्रिज ऐनालिटिका के सीईओ अलेग्जेंडर निक्स ने अगले लोकसभा चुनाव में यूपीए के लिए चुनावी रणनीति बनाने के सिलसिले में विपक्ष के कई नेताओं से मुलाकात की है। कंपनी ने कांग्रेस को ऑनलाइन वोटरों को साधने की रणनीति पर एक प्रेजेंटशन भी दिया है।
अमेरिकी चुनाव की शुरुआत में ट्रंप को काफी कमजोर माना जा रहा था लेकिन सही रणनीति से ट्रंप चुनाव जीतने में कामयाब रहे। अमेरिकी चुनाव के अलावा ब्रेजिक्ट पोल के दौरान भी ये कंपनी अपने डाटा एनालिटिक्स का करिश्मा दिखा चुकी है। ऐनालिटिका ने ब्रेग्जिट के पक्ष में कैंपेन चलाया था जिस पर ब्रिटेन की जनता ने भी मुहर लगाई। दुनियाभर की कई राजनीतिक पार्टियां इस कंपनी की मदद ले रही हैं।
बता दें, राहुल गांधी अमेरिका के दो सप्ताह लंबे दौरे पर गए थे। अमेरिकी कंपनी से संपर्क भी उनके इसी दौरे का हिस्सा माना जा रहा है। पिछले 2 महीने में राहुल गांधी को ट्विटर पर 10 लाख नए लोगों ने फॉलो किया है। कुल मिलाकर आने वाले वक्त में राहुल पीएम मोदी के सामने चुनौती पेश करने की पूरी तैयारी में है।