किसानों की तरह पटाखा विक्रेताओं ने मांगा मुआवजा

नई दिल्ली। जिस तरह प्राकृतिक आपदाओं या मौसम की मार के कारण प्रभावित हुए किसानों को मुआवजा दिया जाता है। ठीक उसी प्रकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण घाटे में गए पटाखा विक्रेताओं ने भी मुआवजा की मांग की है। खुदरा कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सरकार से कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद बिक्री बंद करने वाले पटाखा विक्रेताओं को हुए नुकसान की भरपाई करे।

सरकार ने लाइसेंस दिया है, इसलिए स्टॉक भरा था
कैट ने कहा कि कारोबारियों के पास 500 करोड़ रुपये तक के पटाखे पड़े हुए हैं। कैट ने कहा, दिल्ली के पटाखा विक्रेताओं को बिना उनकी किसी गलती के बिना भारी नुकसान उठाना पड़ा है। संगठन ने कहा कि कारोबारियों को संबंधित प्राधिकरण से पटाखे बेचने का लाइसेंस मिला था। उसी के हिसाब से उन्होंने भंडार की खरीद की थी, लेकिन अदालत के आदेश के बाद उन्हें नुकसान झेलना पड़ रहा है।

माल वापस लेने से इंकार
सुप्रीम कोर्ट की रोक और प्रशासन की सख्ती के बाद पटाखा विक्रेताओं के करोड़ों रुपये डूबते हुए नजर आ रहे हैं, क्योंकि विक्रेताओं का कहना है कि उन्होंने शिवाकाशी और रोहतक से माल खरीदा है, लेकिन अब वह लोग माल वापस लेने से इंकार कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 31 अक्टूबर तक पटाखों की बिक्री पर लगे प्रतिबंध में छूट देने से इंकार कर दिया था। इसके बाद से व्यापारियों के संगठन और यूनियन प्रदर्शन कर रहे हैं।

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