अपमान: प्लास्टिक और गत्तों में बांधे शहीदों के शव, बिहार सरकार ने वाहन तक नहीं दिया

नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश के तवांग में हेलिकॉप्टर क्रैश में शहीद हुए जवानों के शवों को प्लास्टिक और गत्तों में बांधकर रखे जाने की तस्वीर सामने आई है। इसके बाद सारे देश में हंगामा मच गया है। सोशल मीडिया पर लोगों ने अपने गुस्से का इजहार किया। क्रिकेटर गौतम गंभीर ने भी ट्वीट करते हुए इसे शर्मनाक करार दिया। उधर बिहार सरकार ने भी शहीदों की चिता पर शोक जताने की औपचारिकता तक पूरी नहीं की। यहां तक कि शहीद के शव को ले जाने के लिए सरकारी वाहन तक उपलब्ध नहीं कराया। 

शुक्रवार को अरुणाचल प्रदेश में वायुसेना का एमआई 17 वी5 हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया था, जिसमें 7 सैनिक शहीद हो गए। सेना के एक पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल ने रविवार को एक तस्वीर ट्वीट की, जिसमें शहीदों के शवों को पॉलिबैग में लपेट कर पेपर बॉक्स में रखा दिखाया गया था। उन्होंने बताया कि उचित ताबूत मिलने तक सीमावर्ती चौकियों पर सैनिकों के शवों को रखे जाने के लिए बॉडीबैग का इस्तेमाल किया जाता है। सेना में कैनवस के बने बॉडीबैग अथॉराइज नहीं है, सो यूनिटों में मेकशिफ्ट बॉडीबैग इस्तेमाल किया जाता है।
क्रिकेटर गौतम गंभीर ने ट्वीट में लिखा, 'IAF क्रैश के शहीदों के शव...शर्मनाक! माफ़ करना ऐ दोस्त, जिस कपड़े से तुम्हारा कफन सिलना था, वो अभी किसी का बंद गला सिलने के काम आ रहा है!!!'

सेना ने माना असामान्य सलूक
सूत्रों का कहना है कि मामला रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण तक पहुंचा। रक्षा मंत्री ने इस मामले में दखल दिया। इसके बाद सेना ने ट्वीट कर कहा कि शवों को स्थानीय संसाधनों में रख कर भेजा जाना असामान्य था। शहीदों को हमेशा पूरा सम्मान दिया गया है। उनके शवों को बॉडी बैग, लकड़ी के बक्से या ताबूत में ले जाया जाए, इसे सुनिश्चित किया जाएगा। 

सेना के सूत्रों ने कहा कि हमारे यहां बॉडी बैग अथॉराइज नहीं किए गए हैं। जहां भी शवों का पोस्टमॉर्टम होता है, वहां लकड़ी के बक्से और ताबूत उपलब्ध हो जाते हैं। हर जगह लकड़ी के बक्से नहीं ले जाए जा सकते हैं। हेलिकॉप्टर हादसे में 13000 फीट की ऊंचाई पर शवों की लोकेशन मिली थी, वहां जाने के लिए सड़क तक नहीं थी। विचार यह हुआ कि शवों को जल्द से जल्द वहां से हटाया जाए। समय की कमी से स्थानीय तौर पर जो भी संसाधन उपलब्ध था, उसका सहारा लिया गया। तेजपुर से शवों को पूर्ण सैनिक सम्मान के साथ आगे ले जाया गया। 

बिहार सरकार ने शोेक तक नहीं जताया
भारतीय वायुसेना के मास्टर वॉरंट ऑफिसर (MWO) एके सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान प्रशासन की बेरुखी देखने को मिली। बिहार के छपरा में उनका शनिवार को अंतिम संस्कार किया गया। इलाके के लोगों का आरोप है कि इस दौरान स्थानीय प्रशासन की तरफ से किसी तरह की मदद नहीं दी गई। शहीद एके सिंह के पुत्र का कहना है, 'हमें मजबूरन उनका पार्थिव शरीर एक प्राइवेट गाड़ी में लेकर आना पड़ा। प्रशासन की तरफ से कोई यहां नहीं आया। उन्होंने मेरे पिता की शहादत का अपमान किया है।'

अरुणाचल के तवांग में क्रैश
शुक्रवार सुबह अरुणाचल प्रदेश में तवांग के पास आईएएफ का एमआई-17 वी5 हेलिकॉप्टर सुबह 6 बजे के करीब दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। उस समय हेलिकॉप्टर एयर मेंटनेंस मिशन पर था। जानकारी के मुताबिक, अग्रिम चौकियों पर सप्लाई पहुंचाने के दौरान यह हादसा हुआ। हादसे की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी का गठन किया गया है। सूत्रों का कहना है कि सप्लाई की चीजों में केरोसिन भी शामिल था, जिसे पैराशूट के जरिये उतारा जा रहा था। पैराशूट किसी कारण से हेलिकॉप्टर के रोटर से उलझ गया और यह हादसा हुआ। पिछले साल उत्तराखंड के चमोली में भी एक एमआई 17 वी5 हादसे का शिकार हुआ था।

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