अखबार ने आॅटो एसोसिएशन के खिलाफ ठोका मानहानि का दावा

भोपाल। सामान्यत: कारोबारी मिथ्या खबरों से नाराज होकर अखबारों के खिलाफ मानहानि का प्रकरण प्रस्तुत करते हैं परंतु यहां प्रतिष्ठित सांध्य दैनिक अखबार प्रदेश टुडे ने मध्यप्रदेश स्टेट ऑटोमोबाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष महेन्द्र चौधरी पर 1.75 करोड़ का मानहानि का दावा ठोक दिया है। अखबार ने दावा किया है कि उसने मध्यप्रदेश स्टेट आॅटोमोबाइल एसोसिएशन के खिलाफ कभी कोई समाचार ही प्रकाशित नहीं किया, फिर भी एसोसिएशन ने उन्हे बदनाम करने के लिए दैनिक भास्कर में एक आम सूचना प्रकाशित करवाई। 

क्या है मामला
प्रदेश टुडे पिछले काफी समय से VARENYAM MOTORS के खिलाफ खबरों का प्रकाशन कर रहा है। बताया गया है कि VARENYAM MOTORS और उसके मालिक विशाल जोहरी गोविंदपुरा में औद्योगिक उपयोग के लिए आरक्षित जमीन पर शोरूम संचालित कर रहे हैं। इसके अलावा सरकारी जमीन पर भी कब्जा कर लिया है। VARENYAM MOTORS के खिलाफ कुछ शिकायतें भी हुईं हैं। इन्हीं शिकायतों को प्रदेश टुडे ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। बस इसी बात से नाराज होकर और विशाल जौहरी को संरक्षण देने के लिए महेन्द्र चौधरी ने अपने कथित संगठन का उपयोग एक हथियार की तरह कर डाला। मध्यप्रदेश स्टेट आॅटोमोबाइल एसोसिएशन के नाम से संचालित बिना रजिस्ट्रेशन वाले संगठन की ओर से अखबार के खिलाफ एक नोटिस छपवा दिया गया। नोटिस में लिखा गया कि अखबार झूठी खबरें छापता है। एसोसिएशन ने खाप पंचायत की तरह फैसला किया कि उसका कोई भी कारोबारी प्रदेश टुडे अखबार को विज्ञापन नहीं देगा। साथ ही धमकी दी कि मध्यप्रदेश स्टेट आॅटोमोबाइल एसोसिएशन भारत प्रेस परिषद में अखबार के खिलाफ शिकायत करने जा रही है। महेन्द्र चौधरी ने यह सबकुछ इसलिए किया ताकि अखबार डर जाए और विशाल जौहरी के खिलाफ होने वाली शिकायतों का प्रकाशन बंद कर दे। 

एसोसिएशन ही फर्जी निकली
आम सूचना के प्रकाशन के बाद मध्यप्रदेश स्टेट आॅटोमोबाइल एसोसिएशन अचानक सुर्खियों में आई। इसके बारे में जब जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि सरकारी दस्तावेजों में मध्यप्रदेश स्टेट आॅटोमोबाइल एसोसिएशन नाम का कोई संगठन रजिस्टर्ड ही नहीं है। पता चला है कि मामला गर्म हो जाने के बाद अब महेन्द्र चौधरी संगठन का रजिस्ट्रेशन कराने जा रहे हैं लेकिन काबिल ए गौर यह है कि संगठन का रजिस्ट्रेशन हो जाने के बाद भी यह मामला शांत नहीं होगा क्योंकि जिस समय एसोसिएशन ने नोटिस प्रकाशित कराया, वह संगठन ही विधि मान्य नहीं था। 

हमलों का जवाब देने लगा है मीडिया
लोग मीडिया को अपने अनुसार संचालित करना चाहते हैं। जब उनकी मर्जी के खिलाफ खबरें प्रकाशित होतीं हैं तो वो मीडिया को बिकाऊ घोषित कर देते हैं। यह बहुत पुरानी परंपरा है। मीडिया ऐसे आरोपों का कोई जवाब नहीं देता था। कई बार आरोप लगाने वाले को सम्मान भी दे दिया जाता था परंतु इन दिनों मीडिया पर हमले तेज हो गए हैं। लगभग हर वर्ग मीडिया को दबाने की कोशिश कर रहा है लेकिन अब मीडिया ने भी रुख बदल लिया है। मीडिया खुद पर होने वाले हमलों का जवाब देने लगा है। 

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