नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सख्त रवैये के चलते भारत सरकार के विभिन्न विभागों में भ्रष्टाचार की शिकायतों में 59 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। 2016 में सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (केंद्रीय सतर्कता आयोग) को कुल 51,207 शिकायतें प्राप्त हुईं थीं जबकि 2017 में अब तक करीब 21000 शिकायतें प्राप्त हुईं हैं। यह महत्वपूर्ण आंकड़ा है जो बताता है कि शिकायतों में काफी कमी आई है। विजिलेंस कमिश्नर केवी चौधरी ने बताया कि सीवीसी ने 19,557 अफसरों/कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की। कुछ मामलों की जांच में सीबीआई की मदद ली जा रही है। उन्होंने कहा कि जनता को करप्शन के खिलाफ मुहिम में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार 30 अक्टूबर से 'विजिलेंस अवेयनेस वीक' की शुरुआत करेगी। इसका इनॉगरेशन उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू करेंगे।
चौधरी के मुताबिक, जनवरी से सितंबर तक सरकारी अफसरों के खिलाफ करप्शन की 20,943 शिकायतें मिलीं। इनमें से कमीशन ने 17,420 मामलों की जांच की गई। 96 शिकायतें चीफ विजिलेंस अफसर के पास भेजी गईं, जिनकी जांच में सीबीआई की भी मदद ली रही है। बता दें कि कमीशन को 2016 में 51,207, 2015 में 32,149, 2014 में 64,410 और 2013 में 35,332 भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतें मिली थीं। इस साल करप्शन के मामलों में कमी आई है।
अफसर लोगों से कर्मचारियों के काम का फीडबैक लेंगे
चौधरी ने कहा कि सरकार 30 से 4 नवंबर तक भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूक सप्ताह शुरू करने जा रही है। इसकी थीम 'माई विजन- करप्शन फ्री इंडिया' रखी गई है। इस दौरान कई तरह की एक्टिविटीज के जरिए देशभर में जनता को जागरूक किया जाएगा। ज्यादा से ज्यादा अफसर लोगों के बीच जाकर उन्हें करप्शन के नतीजों और रोकथाम की जानकारी देंगे। साथ ही डिपार्टमेंट के कर्मचारियों के काम को लेकर फीडबैक भी लेंगे। पिछले साल भी इसी तरह 70 हजार ग्राम सभाएं की गईं और 500 से ज्यादा कस्बों में अवेयरनेस कैंपेन चलाया गया। हमारी अगली योजना है कि बच्चों को जागरूक करने के लिए स्कूल-कॉलेजों में 'इंटेग्रिटी क्लब' बनाए जाएंगे। ताकि देश के भविष्य को मजबूत कर करप्शन के खिलाफ लड़ा जा सके।