भूख से 11 साल की बच्ची की मौत, आधार के कारण नहीं दिया अनाज

नई दिल्ली। भारत में भोजन का अधिकार लागू है। सुप्रीम कोर्ट इसे नागरिक के मूल अधिकार की मान्यता दे चुका है। सरकार प्रतिबद्धता ज्ञापित कर चुकी है फिर भी झारखंड में 11 साल की एक मासूम लड़की की भूख से मौत हो गई। उसे सरकारी योजना के तहत राशन नहीं दिया जा रहा था क्योंकि उसका आधार कार्ड लिंक नहीं हुआ था। बता दें कि हाल ही में वैश्विक भूख सूचकांक 2017 जारी हुआ। जिसमें बताया गया है कि भारत में भूख से पीड़ित नागरिकों की संख्या म्यामांर और बांग्लादेश जैसे देशों से भी ज्यादा है। कहीं यह विषय मुद्दा ना बन जाए इसलिए भारत के एक राज्यपाल, एक मुख्यमंत्री, आधा दर्जन मंत्री और भाजपा के कई दिग्गज नेताओं ने मात्र दिल्ली एनसीआर में लगे पटाखों पर प्रतिबंध को मुद्दा बना दिया और बार बार बयान जारी कर आग में घी डालते रहे। याद दिला दें कि भूख नागरिक को भोजन उपलब्ध कराना सरकारी की जिम्मेदारी और नेताओं का मूल कर्तव्य है। 

मां ने बताई दर्दनाक दास्तां
11 वर्षीय मासूम संतोषी की मां कोयली देवी ने बताया कि 28 सितंबर की दोपहर संतोषी ने पेट दर्द होने की शिकायत की। गांव के वैद्य ने कहा कि इसको भूख लगी है। खाना खिला दो, ठीक हो जाएगी। मेरे घर में चावल का एक दाना नहीं था। इधर संतोषी भी भात-भात कहकर रोने लगी थी। उसका हाथ-पैर अकड़ने लगा। शाम हुई तो मैंने घर में रखी चायपत्ती और नमक मिलाकर चाय बनायी। संतोषी को पिलाने की कोशिश की। लेकिन, वह भूख से छटपटा रही थी। देखते ही देखते उसने दम तोड़ दिया।

आधार से राशन कार्ड लिंक नहीं होने की मिली सजा 
राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं होने की वजह से इस परिवार को पिछले कई महीनों से पीडीएस स्कीम के तहत गरीबों को मिलने वाला राशन नहीं मिल रहा था और इसी भूखमरी की वजह से करीमती गांव की संतोषी कुमारी नाम की लड़की ने दम तोड़ दिया।

खाद्य सुरक्षा को लेकर काम करने वाली संस्था के सदस्यों ने रविवार को इस दिल दहलाने वाली घटना का खुलासा किया है। संस्था की मानें तो करीमती गांव की संतोषी कुमारी की मौत पिछले महीने 28 तारीख को इसलिए हो गई, क्योंकि घर पर पिछले 8 दिन से राशन ही नहीं था।

संतोषी की मां कोईली देवी ने संस्था के सदस्यों को बताया कि आधार कार्ड लिंक नहीं होने की वजह से उन्हें फरवरी से ही पीडीएस स्कीम का सस्ता राशन नहीं मिल रहा था।

इसी दौरान 27 सितंबर को संतोषी की तबीयत बिगड़ी, उसके पेट में काफी दर्द हो रहा था और भूख के मारे उसका शरीर अकड़ गया था।

अधिकारी बता रहे मलेरिया से मौत
हालांकि जलडेगा ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर संजय कुमार कोंगारी भूख की मौत से इंकार कर रहे हैं। उनके मुताबिक लड़की की मौत मलेरिया से हुई है। मगर वो इस बात को मान रहे हैं कि लड़की के परिवार का नाम आधार से लिंक नहीं होने की वजह से पीडीएस के लाभार्थियों की सूची से बाहर कर दिया गया था।

मिड-डे मिल से मिटा रही थी भूख
भूख से मरने वाली संतोषी की आर्थिक स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्कूल के मिड-डे मील से उसके दोपहर के खाने का इंतजाम होता था। मगर दुर्गा पूजा की छुट्टियां होने की वजह से स्कूल बंद था और इस वजह से उसे कई दिन भूखा रहना पड़ा। जिसकी वजह से उसकी जान चली गई।

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