भोपाल। अशोकनगर में डीईओ ने एक सहायक अध्यापक को इसलिए सस्पेंड कर दिया क्योंकि वो घर में शौचालय होने के बावजूद खुले में शौच करने गया था। इसके अलावा एक शिक्षक को इसलिए सस्पेंड कर दिया क्योंकि उसकी पत्नी खुले में शौच के लिए गई थी। दिनांक 11 सितम्बर को जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी निलंबन आदेश में लिखा गया है कि महेन्द्र सिंह यादव सहायक अध्यापक शाप्रावि बुढ़ेरा जो ग्राम सिलपटी के रहने वाले हैं ने स्वच्छ भारत मिशन का उल्लंघन किया है। उनके घर में शौचालय होने के बावजूद वो खुले में शौक के लिए गए। यह कृत्यु कदाचरण की श्रेणी में आता है अत: महेन्द्र सिंह यादव को सस्पेंड किया जाता है।
बताया जा रहा है कि जब यह सहायक अध्यापक खुले में शौच के लिए जा रहे थे तो किसी ने फोटो खींचकर अधिकारियों को भेज दिया। इसी आधार पर डीईओ ने निलंबन आदेश जारी कर दिया। दूसरे मामले में तो कहानी और भी अलग है। रावसर गांव के शिक्षक प्रकाश प्रजापति को इस वजह से निलंबित किया गया है क्योंकि उनकी पत्नी खुले में शौच जाती है। जबकि उनके घर में भी शौचालय बनी है।
मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने जिला शिक्षा अधिकारी की इस कार्यवाही पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि महेंद्र सिंह यादव को निलंबित करने से पहले उस की परिस्थितियों को देखा जाना चाहिए था और जैसा की जो स्वछता अभियान के तहत खुले में शौच में जाते हैं उन लोगों के ऊपर जुर्माना लगाया जाता है उसी प्रकार से महेंद्र सिंह यादव पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए था। केवल इस आधार पर कर्मचारी को निलंबित किया जाना जिला शिक्षा अधिकारी की मनमानी एवम असंवेदनशील रवैया को दर्शाता है।