नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में सरकार और आरएसएस अब सीधे आमने सामने हैं। कोलकाता ऑडिटोरियम ने संघ प्रमुख मोहन भागवत का एक आयोजन होने वाला था परंतु प्रशासन ने उसकी बुकिंग ही रद्द कर दी है। अब आयोजक नए स्थान की तलाश कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी के इशारे पर राजनैतिक प्रतिशोध के लिए यह कदम उठाया गया है। कोलकाता पुलिस की तरफ से ट्वीट कर बताया गया कि महाजति सदन में कार्यक्रम की परमिशन पुलिस ने नहीं रद्द की है।
कोलकाता पुलिस ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा, ''महाजति सदन प्राधिकरण द्वारा कार्यक्रम रद्द करने का कारण हर साल पूजा की छुट्टियों में 10 दिन तक नवीनीकरण होना है। इस अवधि में कोई भी हॉल किराए पर नहीं दिया जाता।
बता दें कि अगले महीने 3 अक्टूबर को कोलकाता के प्रसिद्ध सरकारी स्वामित्व वाली सभागार महाजति सदन में एक कार्यक्रम होना था, जिसमें मोहन भागवत भाषण देने वाले थे, लेकिन अधिकारियों ने इसकी बुकिंग को रद्द कर दिया है। बंगाल के गवर्नर केशरी नाथ त्रिपाठी भी इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे। भाषण का विषय 'भारत के राष्ट्रवादी आंदोलन में सिस्टर निवेदिता की भूमिका' था। आयोजक अब नए ऑडिटोरियम की तलाश कर रहा है।
आयोजकों का आरोप है कि उनसे कहा गया है कि कुछ पीडब्लूडी काम लंबित हैं, इसलिए कार्यक्रम रद्द किया गया, लेकिन हम सोचते हैं कि यह राजनीतिक प्रतिशोध के कारण है। यह पहली बार नहीं है जब राज्य सरकार ने भागवत को सार्वजनिक समारोहों को संबोधित करने से रोकने की कोशिश की हो। इससे पहले जनवरी में कोलकाता पुलिस ने भागवत की रैली को शहर में जाने से मना कर दिया था, लेकिन हाई कोर्ट ने निर्णय के खिलाफ फैसला सुनाया। राज्य सरकार को यात्रा का समय सही नहीं लगा, क्योंकि विजय दशमी (दुर्गा पूजा का अंतिम दिन) और मुहर्रम 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को है।