सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। मुख्यालय पर संचालित SHUKLA NURSING HOME BALAGHAT एवं IDNANI NURSING HOME, KATANGI, BALAGHAT के खिलाफ पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत प्ररकण दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। आरोप है कि दोनों अस्पतालों से खतरनाक कचरे को नष्ट नहीं किया जा रहा था। प्रदूषण निंयत्रण मंण्डल के क्षेत्रीय अधिकारी एस एन द्विवेदी ने बताया की अस्पतालों से निकलने वाले वेस्ट के नियामक मण्डल के निर्देशों के तहत उनका उचित डिस्पोजल करने के लिये विभाग से अनुमति प्राप्त करनी होती है लेकिन बालाघाट मुख्यालय में संचालित शुक्ल नर्सिंग होम एवं कटंगी संचालित इदनानी नर्सिंग होम पिछले 5 वर्षों से बिना अनुमति के सचांलित किये जा रहा है। इन पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत प्ररकण दर्ज कर कार्रवाई की गई है।
एस एन द्विवेदी ने बताया की बालाघाट जिले में संचालित अस्पताल, नर्सिंग होम, पैथोलाजी लेब से निकलने वाले बायोबेस्ट के निपटान के लिये पीसीसीवी ने निर्देश जारी किये है कि बायोबेस्ट के निपटारे के लिये संयत्र की स्थापना को अनिवार्य कर दिया गया है। प्लांट ना होने पर अस्पतालों का पंजीयन भी नही किया जा सकता।
प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के अधिकारी द्विवेदी ने यह भी बताया की जिले में अधिकांश अस्पताल लेब, नर्सिंग होम बिना अनुमति के चलाये जा रहे हैं। जिनमें जल प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण वायु प्रदूषण निवारण नियंत्रण तथा प्रदूषण निवारण व नियंत्रण के बिना संचालित हो रहे नोटिस देने के बाद भी नियमों का पालन नही किया जा रहा है। उन्होंने बताया की नियमों का पालन ना करने वालों को 5 साल तक की सजा तथा एक 1 लाख रूपये का जुर्माना लगाया जाता है।