PM मोदी ने मुझसे तो कभी कुछ नहीं कहा: उमा भारती

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री उमा भारती को जल संसाधन मंत्रालय से हटाए के पीछे कारण उनकी असफलताएं बताई जा रहीं हैं परंतु उमा भारती यह मानने को तैयार नहीं। हालांकि वो पहले की तरह फायर ब्रांड नहीं हैं परंतु उनके ताजा बयान में कुछ धुआं उठता जरूर नजर आया। वो यह मानने को तैयार नहीं कि उनको मंत्रालय से हटाए जाने के पीछे उनकी असफलताएं हैं। केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि इसकी वजह प्रधानमंत्री की प्रिय 'नामामि गंगे' परियोजना को लागू कराने में विफल रहना नहीं है।

भारती ने उन अटकलों को खारिज किया कि प्रधानमंत्री मोदी उनके प्रदर्शन से खुश नहीं थे इसलिए उन्हें कम महत्व वाले पेय जल और स्वच्छता मंत्रालय में शिफ्ट किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने तीन सालों में उन्हें महज ''मोटा होने के लिए'' दो बार टोका है, किसी और वजह से नहीं।

उमा ने कहा कि वह गंगा को स्वच्छ रखने के लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से यात्रा करेंगी। उन्होंने कहा, ''यह दावा किया गया कि मैं विफल रही (जल संसाधन मंत्री के तौर पर)। सोमवार को नितिन जी (गडकरी) ने खुद कहा था कि वह गंगा के मुद्दे पर मुझसे जुड़े हुए थे।'' उन्होंने बताया, ''अगर हम विफल हुए तो उन्हें विभाग कैसे मिला? इसका मतलब है कि स्वच्छ गंगा के मोर्चे पर हम विफल नहीं रहे। जमीनी स्तर पर जो भी काम करने की जरूरत थी किया गया।'' 

उन्होंने कहा कि उनके और गंगा के बीच कोई नहीं आ सकता तथा घोषणा की कि वह पेयजल और स्वच्छता मंत्री के तौर पर नदी किनारे गांवों में स्वच्छता बनाए रखने के लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से यात्रा करेंगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने हालांकि स्पष्ट किया कि इस यात्रा को 'अवज्ञा' के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि इसकी योजना एक साल पहले बन गई थी।

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