भोपाल। यूं तो मप्र में बाल आयोग सक्रिय है परंतु मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देशित किया है कि एक विशेष आयोग का गठन किया जाए जो प्राइमरी और प्ले स्कूलों पर नजर रखेगा। वो देखेगा कि बच्चों से कहीं उनका बचपन तो नहीं छीन लिया जा रहा है। सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि बचपन में इतने बोझ की वजह से बच्चे कुठिंत होते हैं। उन्होंने स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह, दीपक जोशी और राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य की ओर इशारा करते हुए कहा कि आप लोग आयोग बनाएं। ये व्यवस्था बदलना चाहिए।
खेल का पीरियड होना ही चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों में खेल का पीरियड होना ही चाहिए। खेल बहुत जरूरी है। इसे अनिवार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ब्लू व्हेल जैसे खेल हमारे देश की परंपरा नहीं है। यह खेल अलग ही संसार रच देता है। यह पश्चिम की संस्कृति है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह इस पर प्रतिबंध लगाएंगे।
उन्होंने शिक्षकों से कहा कि वे खुद पढ़ाएं। किसी और को अपने एवज में पढ़ाने नहीं भेजें। ऐसे लोग ही शिक्षकों पर धब्बा लगाते हैं। उनका सम्मान कम होता है और पूरा समाज बदनाम होता है। शिक्षक केवल अच्छे नंबर लाकर ही अच्छा शिक्षक नहीं बनता। कई बुरे लोग भी अच्छे नंबर ले आते हैं। शिक्षक के अंदर तड़प कितनी है यह बात महत्वपूर्ण होती है।